हनीट्रैप केस की जांच कर रही SIT को कई चौंकाने वाले तथ्य मिले हैं.आरोपी महिलाओं से बरामद इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और कॉल डिटेल में कई बड़े राजनेताओं, आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के नाम सामने आए. उसके बाद गोपनीय तरीके से बयान दर्ज कराए जा रहे हैं
भोपाल. हनीट्रैप केस की जांच कर रही SIT को कई चौंकाने वाले तथ्य मिले हैं.आरोपी महिलाओं से बरामद इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और कॉल डिटेल में कई बड़े राजनेताओं, आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के नाम सामने आए. उसके बाद गोपनीय तरीके से बयान दर्ज कराए जा रहे हैं. ये बयान इसलिए दर्ज किए जा रहे हैं ताकि पता चल सके कि किस तरह से वो हनीट्रैप में फंसे. कौन-कौन लोग इसमें शामिल थे. कितनी राशि दी और किस तरीके से आर्थिक लाभ पहुंचाया गया.ये सभी जानकारी जुटाने के बाद SIT कोई बड़ा फैसला भी ले सकती है.ट्रांसफर-पोस्टिंग के साथ आरोपियों के एनजीओ और उनके कारोबार में भी हिस्सेदारी की बात सामने आ रही है.
ये हैं नया ख़ुलासा
- इंदौर में दर्ज मानव तस्करी की जांच में सीआईडी को कई ऐसी जानकारी मिली हैं, जिससे यह पता चला है कि इस गैंग ने चार से ज्यादा दूसरी युवतियों को बहलाफुसलकर गैंग में शामिल किया था.अब उन युवतियों की तलाश कर सीआईडी नए केस दर्ज करेगी.
- हनीट्रैप गैंग ने ट्रांसफर के लिए एक आईएएस अधिकारी से एक करोड़ रुपए लिए थे.पैसे देने के बाद भी अधिकारी को मनपसंद पोस्टिंग नहीं मिली.हनी ट्रैप के जाल में फंसे होने की वजह से आईएएस अधिकारी ने एक करोड़ रुपए वापस भी नहीं मांगे.दो साल पहले ही ये आईएएस अधिकारी पीएस के पद से रिटायर हुए हैं.
- हनीट्रैप में फंसे एक आईपीएस अधिकारी SIT चीफ बनना चाहते थे.उन्होंने कई स्तर पर सरकार को एप्रोच भी किया.लेकिन एक पूर्व मंत्री के करीबी होने की वजह से अधिकारी को एसआईटी चीफ नहीं बनाया गया.
- शिक्षा विभाग से जुड़े एक पूर्व मंत्री की पत्नी की पार्टनरशिप का खुलासा भी हुआ है.माननीय की पत्नी की पार्टनरशिप भोपाल की आरोपी महिला के पति के एनजीओ स्वप्निल एजुकेशन सोसाइटी और कारोबार में थी.माननीय की मेहरबानी थी कि इस एनजीओ को 6 साल से शिक्षा विभाग के साथ दूसरे सरकारी विभागों और सांसद निधि से भी फंड मिल रहा था.इस एनजीओ को दिल्ली, मुम्बई की बड़ी कंपनियों से कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी फंड भी मिला था.एनजीओ को प्रदेश के साथ 2010 से छत्तीसगढ़ में भी बड़े स्तर पर काम भी मिला था.
- एसआईटी को उस छठवीं महिला की तलाश है, जो भोपाल की आरोपी महिला की दोस्त थी.ये आरोपी महिला हनीट्रैप में फंसे नेताओं और अफसरों से लाइजनिंग कर दस फीसदी कमीशन लेकर पैसे वसूलती थी.
बीजेपी-कांग्रेस में भूचाल
रोज़ाना हो रहे नये-नये ख़ुलासे से राजनीति भी गर्म हो रही है.कांग्रेस और बीजेपी नेता आमने-सामने हैं.एक दूसरे पर तरह-तरफ के आरोप भी लगा रहे हैं.कांग्रेस के नेता कई बार सरकार को अस्थिर करने के पीछे बीजेपी का षडयंत्र बता चुके हैं.मंत्री पी सी शर्मा भी दावा कर रहे हैं कि हनीट्रैप गैंग के ज़रिए साजिश की गई थी.इस गैंग के साथ कई पूर्व मंत्री भी मिले हुए हैं.
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है सरकार जांच के प्रति गंभीर नहीं है.जांच पर सवाल खड़े हो रहे हैं.जांच अधिकारी आपस में झगड़ रहे हैं. इसलिए सरकार को सीबीआई से ही मामले की जांच कराना चाहिए.