आज का पंचाग दिनांक 20.04.2023 शुभ संवत 2080 शक 1945 सूर्य उत्तरायण का वैशाख मास कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि दिन में 09 बजकर 43 मिनट से दिन गुरूवार अश्विनी नक्षत्र रात्रि में 11 बजकर 10 मिनट तक आज चंद्रमा मेष राशि में आज का राहुकाल दोपहर को 01 बजकर 38 मिनट से 03 बजकर 13 मिनट तक होगा.

आज के राशियों का हाल तथा ग्रहों की चाल

मेष राशि – 12 भाव के मुताबिक देखा जाए तो वक्री बुध का प्रभाव अलग – अलग होता है. पहले भाव में वक्री बुध का विराजमान होना जातक के लिए सही नहीं माना जाता है. लेकिन वक्री बुध होने से ऐसे में जातक गलत फैसले कर बैठता है जिससे उसे हानि का सामना करना पड़ सकता है. उपाय – बुध के उपाय. ऊँ ऎं स्त्रीं श्रीं बुधाय नम:. नियमित रूप से तुलसी में जल कार्य प्रदान करें एवं नवग्रह चालीसा का पाठ करें. बुधवार के दिन पशुओं को हरा चारा खिलाएं.

वृषभ राशि – दूसरे भाव में बुध का वक्री होकर बैठना जातक को बुद्धिमान बनाता है. जातक अपने फैसलों को लेने से पूर्व गहन विचार करता है. जातक तार्किक होता है. उपाय – बुध के उपाय ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:. नियमित रूप से गायत्री पाठ करना चाहिए.

मिथुन राशि – कुंडली के तीसरे भाव में वक्री बुध का होना जातक को निर्भिक बनाता है. जातक के आत्मबल में वृद्धि करता है. जातक जोखिम भरे कार्यों को करने में अधिक रूचि दिखाता है. उपाय – बुध के उपाय. ऊँ ऎं स्त्रीं श्रीं बुधाय नम:. हरा वस्त्र, हरी सब्जी, मूंग का दाल एवं हरे रंग के वस्तुओं का दान.

कर्क राशि – बुध का वक्री होकर कुंडली के चौथे भाव भाव में विराजना जातक के लिए धन लाभ की संभवना बनाता है. लेकिन जातक विलासता के साथ जीवन भी यापन करने में लिप्त हो सकता है. उपाय – बुध के उपाय. ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:
सुहागिन स्त्रियों को भोजन कराएं व चूड़ी दान में दें.

सिंह राशि – पांचवे भाव में वक्री बुध का बैठना शुभ माना जाता है. साथी के साथ संबंध बेहतर होते हैं. परिवार में सुख समृद्धि आती है. उपाय – बुध के उपाय. ॐ बुं बुधाय नमः. गाय को हरा चारा, हरा साग खिलाए.

कन्या राशि – छठे भाव में यदि वक्री बुध बैठा है तो ऐसे में जातक को मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है. जातक सभी को संदेह की दृष्टि से देखता है. विश्वास करने में परेशानी होती है. उपाय – बुध के उपाय. ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:
नियमित रूप से गायत्री पाठ करना चाहिए.

तुला राशि – कुंडली के सांतवे भाव में बुध का वक्री होकर बैठना जातक के जीवन में आकर्षक साथी के आने व प्राप्त होने की ओर संकेत करता है. ऐसे जातक को खूबसूरत जीवनसाथी मिलती है. उपाय – बुध के उपाय. ऊँ ऎं स्त्रीं श्रीं बुधाय नम:
नियमित रूप से तुलसी में जल कार्य प्रदान करें एवं नवग्रह चालीसा का पाठ करें
बुधवार के दिन पशुओं को हरा चारा खिलाएं.

वृश्चिक राशि – आठवें भाव में वक्री बुध का होना जातक को धर्म के प्रति उदार बनाता है. जातक को दार्शिनिक दृष्टिकोण देता है. इसके साथ ही जातक आध्यात्म के क्षेत्र में रूचि लेता है. उपाय – बुध के उपाय. ॐ बुं बुधाय नमः. हरा वस्त्र, हरी सब्जी, मूंग का दाल एवं हरे रंग के वस्तुओं का दान.

धनु राशि – कुंडली के नवम भाव में वक्री बुध का विराजना जातक को तर्क संपन्न बनाता है. विवेकवान होते हैं. किंतु भाग्यभाव को कमजोर करने से बनते काम में भी बाधा और फल प्राप्ति में कमी हो सकती है. उपाय – बुध के उपाय. ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:. नियमित रूप से गायत्री पाठ करना चाहिए.

मकर राशि – दशम भाव में बुध का वक्री होकर विराजना जातक को पैतृक संपत्ती में लाभ दिलवाता है. गरीबी का मूंह नहीं देखना पड़ता है. किंतु दशम भाव में वक्री बुध होने से लाभ में कमी एवं अधिकारी तथा पिता से मतभेद के कारण तनाव का कारण होगा. उपाय – बुध के उपाय. ऊँ ऎं स्त्रीं श्रीं बुधाय नम:. नियमित रूप से तुलसी में जल कार्य प्रदान करें एवं नवग्रह चालीसा का पाठ करें. बुधवार के दिन पशुओं को हरा चारा खिलाएं.

कुंभ राशि – एकादश भाव में वक्री अवस्था में बैठना जातक को लंबी उम्र देता है. जातक अपने जीवन को सुखमय बिताता है. साथ ही लाभ में कमी एवं कार्यक्षेत्र में विवाद दे सकता है. उपाय – बुध के उपाय. ॐ बुं बुधाय नमः. सुहागिन स्त्रियों को भोजन कराएं व चूड़ी दान में दें.

मीन राशि – द्वादश भाव में वक्री बुध का विराजना जातकों निर्भिक बनाता है. जातक के अंदर किसी का भी भय नहीं रहता है. वह अपने विरोधियों को परास्त करने का मार्ग बनाने में सफल होता है. धर्म में रूचि लेता है. उपाय – बुध के उपाय. ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:. गाय को हरा चारा, हरा साग खिलाए.

पंडित – प्रिय शरण त्रिपाठी, ज्योतिषाचार्य.