ज्योतिष के अनुसार हर ग्रह समयानुसार राशि बदलते रहते हैं. कुछ सीधे तो कुछ विपरीत अवस्था में इसी अवस्था को ज्योतिष में वक्री व सीधे अवस्था को मार्गी कहा गया है. जिसे हम गोचर तथा राशि परिवर्तन के नाम से जानते हैं.

वैदिक ज्योतिष में बुध का प्रभावी होना वैदिक ज्योतिष के अनुसार यदि किसी जातक की कुंडली में बुध शुभ स्थिति में है तो उस जातकों अच्छे परिणाम मिलते हैं. जातक का वाणी काफी प्रभावित करने वाला होता है. इसके साथ ही जातक जो भी कहता है उसका प्रभाव श्रोता पर अधिक पड़ता है. इसके साथ ही जातक तार्किक बनाता है. जातक की मानसिक शक्ति मजबूत होती है. जातक अपने फैसले लेने में सक्षम होता है. ऐसे में बुध का वक्री होकर शुभ स्थिति में होना जातक के लिए शुभ परिणाम देने वाला बन जाएगा.

मंगल की राशि मेष में बुध ग्रह वक्री होंगे. बुध ग्रह 21 अप्रैल 2023 को दोपहर 1 बजकर 25 मिनट पर व्रकी होंगे. इससे एक दिन पहले यानि की आज 2023 का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को सुबह 07 बजकर 05 मिनट पर लगेगा. यह ग्रहण दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगा. यह ग्रहण वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को लगेगा. यह ग्रहण अश्विनी नक्षत्र में मेष राशि में लगेगा. सूर्य ग्रहण का सूतक काल सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है.

हालांकि सूतक काल तभी मान्य होता है जब ग्रहण दिखाई देता है. 20 अप्रैल को लगने वाला ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. इसलिए यहां सूतक काल भी नहीं माना जाएगा. इस दौरान मंदिर के कपाट बंद नहीं होंगे और सभी धार्मिक कार्य किए जा सकेंगे. इस प्रकार सूर्य ग्रहण और उसके बाद बुध का वक्री होना दोनो की मेष राशि को सबसे पहले प्रभावित करेगा. इस प्रकार इस दो प्रमुख घटनाओ का क्या होगा विभिन्न राशि वालो पर प्रभाव.