होशियारपुर. हर गांव-शहर की अपनी-अपनी खूबियां, एक खास पहचान होती है। आज हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां के सभी गांव निवासी शाकाहारी हैं।

इस गांव का कोई भी निवासी मांस-मुर्गा या अंडा-शराब नहीं खाता, न तो इनके पास कोई ठेका है और न ही कोई मांस की दुकान। गांव निवासियों के मुताबिक अगर गांव में कोई मांस और अंडा खाता है तो उसके साथ जल्द ही कोई अनहोनी हो जाती है।
Green-Vegetable-For-Children-inside1

इस गांव का नाम ददयाल है, जो पंजाब के होशियारपुर जिले में स्थित है। बुजुर्गों के अनुसार, गांव में बाबा हसन दास जी नाम के एक संत थे, जो अपनी भक्ति के कारण गांव में बहुत लोकप्रिय हैं। उनके द्वारा लगभग 250-300 वर्ष पूर्व यह प्रारंभ किया गया था कि यदि गांव निवासियों को सुखपूर्वक रहना है तो उन्हें मांस, शराब, अंडे आदि का सेवन बंद करना होगा।

गांव के बुजुर्गों के मुताबिक, अगर किसी बीमार व्यक्ति को डॉक्टर मांस और अंडा खाने की सलाह देते हैं तो वह गांव में नहीं, बल्कि गांव के बाहर खाना खाता है। यहां तक ​​कि शादी-विवाह जैसे कार्यक्रमों में भी मांस-अंडा नहीं बनाया जाता, अगर बनाना भी हो तो गांव के बाहर या शहर में इसके लिए मैरिज पैलेस बुक किए जाते हैं। उनके मुताबिक रिश्ता जोड़ने से पहले मांस-अंडा न बनाने की शर्त रखी जाती है। उन्होंने कहा कि हालांकि होशियारपुर जिले में लोग बड़े शौक से शिकार खेलते हैं, लेकिन ददयाल में तो शिकार भी नहीं खेला जाता।

गांव के एक बुजुर्ग ने एक घटना सांझा करते हुए बताया कि पास के गांव का एक व्यक्ति शराब पीकर गांव से गुजरता था, गांव वालों ने उसे कई बार ऐसा करने से रोका, लेकिन वह नहीं माना। फिर एक दिन वह अपनी साइकिल से गिर गया और उसका पैर टूट गया और उसकी दर्दनाक मौत हो गई। एक अन्य घटना का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि मेले के दिन एक झूला वाला व्यक्ति, जो गांव के बारे में नहीं जानता था, उसने अंडे खा लिए और उसी रात बिजली गिरने से उसकी मौत हो गई।