जशपुर। पत्थलगांव के सरकारी अस्पताल में मरीज की जान बस भगवान भरोसे ही है. ऐसा ही मामला देखने को मिला, जब मलेरिया और टायफायड के मरीज की जान सिर्फ इसलिए चली गई, क्योंकि उसे समय पर हॉस्पिटल पहुंच जाने के बावजूद उचित इलाज नहीं मिल सका.

ऑक्सीजन सिलेंडर था खाली

दरअसल मरीज को शनिवार सुबह गंभीर हालत में पत्थलगांव के सरकारी अस्पताल में लाया गया था. जहां तबियत सुधरने के बजाए बिगड़ती गई और आखिरकार रविवार को उसने दम तोड़ दिया. बताया जा रहा है कि मरीज को वक्त पर ऑक्सीजन नहीं मिल पाया. रविवार तड़के मरीज की तबियत बिगड़ने पर उसे ऑक्सीजन लगाया गया, तो पता चला कि ऑक्सीजन सिलेंडर ही खाली है. जब दूसरा ऑक्सीजन सिलेंडर लगाया गया, तो उसमें तकनीकी खराबी आ गई. आखिर में जब नेबुलाइज तक के लिए संसाधन उपलब्ध नहीं हुए तो उसकी मौत हो गई.

लापरवाही से हुई मौतः CMHO

इधर इस मामले में  जिला स्वास्थ्य अधिकारी आर एल तिवारी ने कहा कि अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी नहीं, लेकिन तकनीकी गड़बड़ी के कारण मरीज को वक्त पर ऑक्सीजन नहीं मिल पाया और उसकी मौत हो गई. उन्होंने बताया कि मरीज का इलाज शुरू में डॉ पटेल के निर्देशन में चल रहा था. लेकिन बाद में इस पेशेंट को डॉ सुथार ने एग्जामिन किया. CMHO डॉ तिवारी का कहना है कि वक्त रहते किसी अच्छे अस्पताल में रेफर किए जाने से उसकी जान बच सकती थी.

आपको बता दें कि पत्थलगांव अस्पताल में ही कुछ दिन पहले एक मृतक के शव को रिक्शा से ले जाने का मामला गरमाया था. वहीं जिले के घुघरी स्वास्थ्य केंद्र में खुले आसमान के नीचे प्रसव की घटना भी सामने आई थी.