राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में गौरव गृह निर्माण सहकारी संस्था गड़बड़ी मामले में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ने एफआईआर दर्ज की है। ईओडब्ल्यू (EOW) ने तत्कालीन अध्यक्ष संतोष जैन, बिल्डर और क्रेडाई भोपाल के अध्यक्ष मनोज सिंह मीक, शिशिर खरे, नंदा खरे, मेसर्स शुभालय विला, बबलू सातनकर, सुनीता सातनकर और अनिता बिस्ट भट्ट के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

5 एकड़ जमीन का अवैध अनुबंध

ईओडब्ल्यू जांच में सामने आया कि जैन ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए वर्ष 2024 में संस्था की 5 एकड़ जमीन विकास कार्य के नाम पर मेसर्स शुभालय विला को सौंप दी। इस अवैध अनुबंध में अधिकांश भूमि बिल्डर को दे दी गई और केवल 44 प्लॉट मूल सदस्यों के लिए छोड़े गए. इतना ही नहीं, भूखंडों का आकार 2400-1500 वर्गफीट से घटाकर 1200 वर्गफीट कर दिया गया। जांच में खुलासा हुआ कि अनुबंध पत्र के पहले तीन पेज कूटरचित थे और उन पर गवाहों के हस्ताक्षर नहीं थे, साथ ही संतोष जैन ने आमसभा के प्रस्तावों में साजिशपूर्वक बदलाव कर खुद को बिल्डर से अनुबंध करने के लिए अधिकृत बताया और इस आधार पर फर्जी अनुबंध कर दिया।

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सहकारिता निरीक्षक और प्रभावशाली व्यक्ति भी शामिल

जांच में यह भी सामने आया है कि संस्था के 44 मूल सदस्यों को उनके भूखंड नहीं दिए गए, बल्कि नियमों की अनदेखी करते हुए 49 नए सदस्य जोड़ लिए गए। इनमें कुछ सहकारिता निरीक्षक और प्रभावशाली व्यक्ति भी शामिल थे। इन नए सदस्यों को मनमाने ढंग से भूखंड आवंटित कर बेचे गए और इसकी रकम संस्था के खातों में नहीं दिखा दी गई। इतना ही नहीं, नगर निगम में बंधक रखे गए भूखंड भी नियमों के विपरीत अन्य व्यक्तियों को बेच दिए गए।

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