रायपुर. कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव अरुण ओरांव ने लल्लूराम डॉट कॉम के राजनीतिक संपादक रूपेश गुप्ता से खास बातचीत में इस बात से नाराज़ लगे कि उन्हें 5 साल पार्टी में काम करने के बाद भी न तो लोकसभा की टिकट दी गई न ही संगठन में अहम ज़िमेदारी. रूपेश गुप्ता को ओरांव ने बताया कि वे कांग्रेस पार्टी में अपनी योग्यता साबित नहीं कर पाए.

अरुण ओरांव ने कहा कि भाजपा में जाने की वजह ये थी कि झारखंड में ज़मीन पर काम हुआ है. ओरांव ने कहा कि पिछले पांच साल में झारखंड के गांव हाई वे से जुड़े हैं. उन्होनें कहा कि गांव अब पहुँच विहीन नहीं रहे. ओरांव ने कहा कि झकरखण्ड और छत्तीसगढ़ का निर्माण एक साथ हुआ था लेकिन झारखण्ड छत्तीगढ़ के मुक़ाबले काफी पिछड़ गया था. अब पिछले पांच साल में झारखंड में विकास दिखने लगा है.

ओरांव ने कांग्रेस में हुई उपेक्षा को लेकर अपना दर्द भी साझा किया. ओरांव ने कहा कि उन्होंने 10 साल की सर्विस छोड़कर कांग्रेस जॉइन किया. उन्हें झारखंड में ज़मीन पर काम करना था इसलिए पंजाब कैडर केआईपीएस रहने के बाद भी वे प्रतिनियुक्ति पर झारखंड आये और यहां 7 साल तक अपनी सेवाएं दीं. इस दौरान उन्होंने नक्सल प्रभावित इलाके में भी सेवाएं देने की चुनौती स्वीकार की.

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गौरतलब है ओरांव 2014 और 2019 में टिकट के दावेदार थे लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिली. इसके अलावा ओरांव ने ढाई साल छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रभारी सचिव के तौर पर काम किया. पार्टी की सत्ता में वापसी में उनकी भूमिका भी देखी गई. उन्हें चुनाव में बस्तर और सरगुजा की कमान दी गई थी, जहां विधानसभा चुनाव मे भाजपा का सूपड़ा साफ हो गया.

झारखंड में बीजेपी आगे

भाजपा में आने के बाद ओरांव ने झारखंड विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी की जीत की सम्भावना जताई हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने अच्छा काम किया है इसलिए उसकी जीत की सम्भावना है. सरकार के खिलाफ कोई एन्टी इनकमबैंसी नहीं है. तैयारियों के मामले में बीजेपी काफी आगे है. जबकि विपक्षी पार्टियों का कोई अता-पता नहीं है.