पटना। आईएएस अधिकारी जी. कृष्णैया की हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे बिहार के पूर्व सांसद आनंद मोहन को रिहा किए जाने के फैसले पर आईएएस एसोसिएशन ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. एसोसिएशन ने आनंद मोहन को रिहा करने के फैसले को अनुचित करार देते हुए बिहार सरकार से इस पर पुनर्विचार करने की मांग की है.

आईएएस एसोसिएशन ने अपने बयान में कहा कि आनंद मोहन को रिहा किए जाने का फैसला बहुत ही निराश करने वाला है. उन्होंने (आनंद मोहन) जी. कृष्णैया की नृशंस हत्या की थी. एसोसिएशन ने कहा कि ऐसे फैसले से ही लोक सेवकों के मनोबल में गिरावट आती है. हम राज्य सरकार से अनुरोध करते हैं कि बिहार सरकार जल्द से जल्द अपने फैसले पर पुनर्विचार करे.

गौरतलब है कि अनुसूचित जाति से आने वाले IAS कृष्णैया गोपालगंज के जिलाधिकारी थे. 1994 में जब मुजफ्फरपुर में एक अपराधी छोटन शुक्ल की शव यात्रा के दौरान आनंद मोहन के नेतृत्व वाली भीड़ ने पीट-पीट कर उनकी हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड के बाद आनंद मोहन को सज़ा हुई थी, लेकिन अब बिहार सरकार जेल नियम में बदलाव कर उनको रिहा करने जा रही है.

पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई पर गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी ने नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि हमारे साथ अन्याय हुआ है. आनंद मोहन की फांसी की सजा को पहले उम्रकैद में बदल दिया गया और अब रिहाई मिल गई. सीएम नीतीश गलत उदाहरण पेश कर रहे हैं. वहीं उनकी बेटी जी पद्मा ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फैसले को गलत करार देते हुए कहा कि आनंद मोहन की सजा बरकरार रहनी चाहिए. यह ग़लत फ़ैसला है, इस पर नीतीश कुमार को पुनर्विचार करना चाहिए.

नवीनतम खबरें –

इसे भी पढ़ें –