मूली, डायट्री फाइबर का एक समृद्ध स्रोत है, जो न केवल मल को नरम करने में मदद करता है, बल्कि पाचन में भी सहायक होता है. पाइल्स (Piles) की बीमारी में मूली काफी फायदेमंद होता है. अगर आप या आपके परिवार में किसी को पाइल्स (Piles) की बीमारी है, तो यहां जानें मूली का सेवन कैसे करें…

मूली किस तरह पहुंचाती है लाभ

मूली में रापिनिन, ग्लूकोसाइलिनेट्स और विटामिन-सी जैसे मेटाबोलाइट्स होते हैं, जो बवासीर के कारण होने वाली सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं. मूली में वाष्पशील तेल पाया जाता है, जो एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरा हुआ होता है. इससे सूजन कम होती है और बवासीर में खुजली और दर्द से राहत पाने में मदद भी मिलती है. Read More – सर्दियों का मौसम में अदरक, अंडा, सूप और दूध का करें सेवन, शरीर में बढ़ाती है अंदरूनी गर्मी …

कैसे करें मूली का इस्तेमाल?

हालत की गंभीरता के आधार पर दो अलग-अलग तरीकों से बवासीर के इलाज के लिए सफेद मूली का उपयोग कर सकते हैं. Piles की वजह से यदि दर्द हो रहा हो, तो आधी 100 ग्राम मूली को घिस लें और इसके साथ 1 चम्मच शहद मिलाएं. दोनों को मिक्स करें और इसका सेवन दिन में दो बार करें. यदि Piles की वजह से खुजली हो रही हो या फिर कब्ज बनी हुई हो, तो यह उसमें भी आदाम दिलाने का काम करेगा.

मूली के जूस का सेवन

यदि आपको पहला तरीका न पसंद आया हो, तो आप मूली का रस निकालकर उसमें एक चुटकी सेंधा नमक मिलाकर पी सकते हैं. आपको इससे उतना ही लाभ मिलेगा, जितना कि मूली को साबुत खाने पर मिलता है. Read More – National Epilepsy Day : चप्पल-जूता सुंघाने से नहीं, सही इलाज से 70 फीसदी ठीक हो जाते हैं मिर्गी रोगी …

बहुत अधिक दर्द और सूजन हो

थोड़े से दूध में सफेद मूली का बारीक पेस्ट बना लें. दर्द और सूजन से राहत के लिए संक्रमित क्षेत्र पर इस पेस्ट को लगाएं. बवासीर से निपटने के लिए आप अपने खाने में आयुर्वेद के नियमों का पालन करें. सोने और जागने का समय निर्धारित करें और शारीरिक गतिविधियां जैसे योग, नृत्य, वॉक, रस्सी कूद इत्यादि को जीवन का हिस्सा बनाएं.