ललित सिंह, राजनांदगांव. ओलंपियन खिलाड़ी का दर्द कुछ इस तरह छलका कि उसकी आंखों में आंसू भर आए और यह कहने से खुद को नहीं रोक पाई कि मैं प्रदेश की पहली महिला ओलंपियन हूं और आज तक मुझे ना नौकरी मिल पाई और ना ही घर नसीब हो पाया है. यह हाल है छत्तीसगढ़ कि महिला हाकी खिलाड़ी रेणुका यादव का, जिसने राज्य सरकार से अपनी मांगों को लेकर गुहार लगाई लेकिन अब तक मांग पूरी नहीं हुई है.


बता दें कि, मांग पूरी न होने का मलाल उस महिला हॉकी खिलाड़ी के वायरल वीडियो से साफ जाहिर हो रहा है. वायरल वीडियो में रेणुका यादव स्टेडियम की गैलरी पर बैठकर आंखों में आंसू लिए अपनी बात कहती नजर आ रही हैं. थोड़े शब्द कड़वे जरूर हैं. लेकिन यही हकीकत है. क्योंकि वह साफ कहते नजर आ रही है कि, वह प्रदेश की पहली महिला ओलंपियन खिलाड़ी है, जिसे राज्य सरकार से सिवाए आश्वासन के कुछ नहीं मिला, जबकि छग में अपनी सेवा देकर छत्तीसगढ़ का नाम रौशन करना चाहती है. कई बार गुहार लगाने के बाद भी उसे आज तक कुछ नहीं मिल पाया है और मिला है तो सिर्फ आश्वासन. ना ही सरकार ने उसे नौकरी दी और न ही उसे घर दिया. यह पूरी कहानी राजनांदगांव की ओलंपियन हॉकी खिलाड़ी रेणुका यादव की है.

रेणुका ने कहा कि ओलंपिक खेलने के बाद जब उन्हें प्रदेश में रोजगार नहीं मिला तो फिर दूसरे खिलाड़ियों को क्या हासिल हो पाएगा ? प्रदेश की पहली हॉकी ओलंपियन रेणुका यादव राज्य सरकार के रवैये से नाराज है. इसी दर्द को रेणुका ने एक वीडियो के माध्यम कहना उचित समझा और सोशल मीडिया पर वह वीडियो वायरल भी हो रहा है, जिसमें हॉकी खिलाड़ी रेणुका आंखों में आंसू लिए अपनी बात कह रही है.


बता दें कि, हॉकी खिलाड़ी रेणुका यादव ने साल 2016 में रियो ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करते हुए शानदार प्रदर्शन किया. इसके पहले साल 2012 से वह इंटरनेशनल हॉकी टीम का प्रतिनिधित्व करती आ रही है. पूर्व सीएम डॉ. रमन ने भी अपने कार्यकाल में रेणुका को नौकरी देने की बात कही थी, उसके बाद कांग्रेस सत्ता में आ गई. छत्तीसगढ़ सरकार को पत्र लिखकर रेणुका को नौकरी देने की बात कही गई थी. बताया गया कि अभी रेणुका मुंबई रेलवे में टीटीई के पद पर कार्यरत है. वह छत्तीसगढ़ में नौकरी करना चाहती है, लेकिन उसे सरकार की ओर से सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है.