नई दिल्ली। स्प्रिंग्स और अणु में क्या समानता है, हम कंप्यूटर को माइक्रोस्कोप के रूप में कैसे उपयोग कर सकते हैं, क्या कंप्यूटर को इंसानी दिमाग की तरह तेज बनाया जा सकता है, क्या कंप्यूटर मानव मस्तिष्क को हरा सकते हैं, आईआईटी दिल्ली अब स्कूली छात्रों के लिए ऐसे तमाम प्रश्नों के उत्तर लेकर सामने आ रहा है. ऐसे कई सवालों के जवाब आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसरों द्वारा स्कूल के छात्रों के लिए संस्थान की अकादमिक आउटरीच पहल ‘साइटेक स्पिन्स’ के तहत आयोजित होने वाले एक इंटरेक्शन सत्र के साथ दूसरे व्याख्यान के दौरान दिए जाएंगे.

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आगामी व्याख्यान लर्निंग टू लर्न थ्रू मॉडलिंग 23 अक्टूबर को सामग्री विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग से प्रो दिव्या नायर और सिविल इंजीनियरिंग विभाग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्कूल, आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर एनएम अनूप कृष्णन द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा. दूसरा व्याख्यान संस्थान के यूट्यूब चैनल पर भी लाइव स्ट्रीम किया जाएगा.

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दूसरे व्याख्यान की एक झलक देते हुए प्रोफेसर दिव्या नायर और प्रोफेसर अनूप कृष्णन ने कहा कि अक्सर कुछ चरम परिस्थितियों में प्रयोग करना मुश्किल होता है, जैसे कि गहरे समुद्र में, उच्च ऊंचाई पर या उच्च तापमान पर होने वाली प्रक्रियाओं का अध्ययन करना. कभी-कभी प्रयोगात्मक निष्कर्षों को प्रमाणित करने और समझने की आवश्यकता होती है, उदाहरण के लिए, तेल कभी पानी के साथ क्यों नहीं मिलाता है, लेकिन सामान्य नमक करता है. कभी-कभी प्रयोगों को डिजाइन करने के लिए नई भविष्यवाणियां आवश्यक होती हैं, जैसे कि यदि कोई पहले से जानता है कि दो सामग्रियों को मिलाकर बेहतर गुणों के साथ एक नई सामग्री का उत्पादन होगा, तो कोई उपन्यास प्रयोगों को डिजाइन कर सकता है.

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आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर का कहना है कि एक कंप्यूटर वास्तव में प्रयोग किए बिना सभी विचारों को समझने में एक प्रभावी उपकरण के रूप में काम कर सकता है. व्याख्यान में चर्चा की जाएगी कि कैसे शक्तिशाली कंप्यूटरों का उपयोग करके वास्तविक जीवन की घटनाओं का मॉडल, अनुकरण और भविष्यवाणी की जा सकती है. गौरतलब है कि जेईई एडवांस परीक्षा के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं. जेईई एडवांस परीक्षा के नतीजों के आधार पर अब देश की 23 आईआईटी, 31 एनआईटी, 23 ट्रिपल आईटी, सहित जेएफटीआई की 40 हजार से अधिक सीटों पर दाखिले शुरू हो रहे हैं.