रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने कटघोरा वनमंडल के बांकीमोंगरा हल्दीबाड़ी के रिज़र्व फॉरेस्ट क्षेत्र में अवैध बाँस कटाई को लेकर वनरक्षक (बीटगार्ड) द्वारा अपने अधिकारियों रेंजर, डिप्टी रेंजर समेत 11 लोगों के ख़िलाफ़ बनाए गए मामले को साहसपूर्ण कार्य बताकर वनरक्षक को उसके इस कार्य के लिए पुरस्कृत करने की मांग प्रदेश सरकार से की है। गागड़ा ने आरक्षित वन क्षेत्र में इस तरह की अवैध कटाई को चिंताजनक बताते हुए अवैध कटाई के इस मामले की उच्चस्तरीय और निष्पक्ष जाँच की मांग भी की है।

पूर्व मंत्री गागड़ा ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रदेश में वनों की सुरक्षा के लिए बनाए गए नियम-क़ानूनों की धज्जियाँ ख़ुद वे अफ़सर सरेआम उड़ा रहे हैं, जिन पर इन क़ानूनों का पालन करने और कराने की ज़िम्मेदारी है। यह काफ़ी गंभीर मामला है कि रेंजर ने इसमें डीएफ़ओ को भी शामिल बताया है। इस मामले से जुड़े वायरल हुए एक वीडियो क्लिप के हवाले से बताया गया है कि जिस क्षेत्र में बाँस की अवैध कटाई का यह मामला सामने आया है, वहाँ बिना अनुमति कटाई-सफाई का काम प्रतिबंधित है, बावज़ूद इसके रेंजर व डिप्टी रेंजर के कहने पर यह कटाई होने की बात सामने आई है। कुछ श्रमिकों को इस काम में लगा देखकर बीटगार्ड ने यह गडबड़ी पकड़ ली।

गागड़ा ने कहा कि वनों की सुरक्षा के बड़े-बड़े दावे कर रही प्रदेश सरकार अपनी नाक के नीचे विभागीय अधिकारियों की शह पर हो रही अवैध कटाई को रोक पाने में विफल साबित हो रही है, यह स्थिति शर्मनाक है। प्रदेश सरकार अब पता लगाए कि प्रतिबंधित वन क्षेत्र में अधिकारी किसके इशारों पर यह अवैध कटाई कराने पहुँचे थे? डीएफ़ओ समेत संलिप्तता के आरोपियों पर कारगर कार्रवाई की मांग करते हुए गागड़ा ने कहा कि प्रदेश सरकार साहसिक कार्य करने वाले वनरक्षक को पुरस्कृत कर उसके और उस जैसे अन्य युवा कर्मचारियों के ज़ज्बे व हौसले का सम्मान करे ताकि प्रदेश की वन-संपदा को सुरक्षित रखकर छत्तीसगढ़ को पर्यावरण के संकट से प्रदेश को मुक्त रखा जा सके।