लोरमी। यहां के लाखासार गांव में रेत कारोबारी जमकर नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं, इधर खनिज विभाग आंख मूंदे सोया हुआ है. दरअसल लोरमी से कुछ ही दूरी पर लाखासार गांव में स्थानीय ठेकेदार पवन अग्रवाल 3 करोड़ 11 लाख रुपए की लागत से पुलिया का निर्माण करवा रहा है.
रेत का अवैध उत्खनन
इधर यहां पर्यावरण विभाग से बिना मंजूरी लिए और खनिज विभाग की तमाम शर्तों और दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए मनियारी नदी में धड़ल्ले से अवैध रेत खनन किया जा रहा है. बड़ी-बड़ी पोकलेन मशीनों और आधा दर्जन हाईवा से नदी का रेत निकाला जा रहा है. साथ ही सरकार को लाखों रुपए के राजस्व की क्षति पहुंचाते हुए रॉयल्टी की चोरी भी की जा रही है. खनन भी ऐसी जगह किया जा रहा है, जहां मशीन के इस्तेमाल की अनुमति ही नहीं है.
नियमों की उड़ाई जा रही धज्जियां
ठेकेदार पवन अग्रवाल ने पंचायत से अनुमति के बिना ही स्कूल परिसर में सैकड़ों हाईवा रेत डंप करके रखा है. इससे स्कूल और आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले 360 बच्चों की जान को भी ख़तरा बना हुआ है. ग्रामीणों और पूर्व माध्यमिक शाला के प्रधानपाठक जनकराम कश्यप ने भी कहा कि मना करने के बावजूद भी ठेकेदार के गुर्गे उनकी बात सुनने को तैयार नहीं हैं.
परमेश्वर साहू सरपंच प्रतिनिधि ग्राम पंचायत लाखासार का कहना है कि रेत खुदाई के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई है.
इधर रेत के अवैध उत्खनन की जानकारी होने के बावजूद जिला प्रशासन और खनिज विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है. SDM सीएस पैकरा ने हमेशा की तरह आश्वासन का झुनझुना पकड़ाया है और अवैध रेत उत्खनन के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है.
वहीं लोरमी विधायक तोखन साहू का कहना है कि घर बनाने के लिए किसान का नदी से रेत निकालना सही है, लेकिन ठेकेदार द्वारा रेत खनन को उन्होंने गलत करार दिया और कार्रवाई करवाने की बात कही.