पुरुषोत्तम पात्रा,गरियाबंद. तेल नदी के सेनमुडा घाट की समस्या दूर करने सीएम ने पुल निर्माण के लिये साढ़े 6 करोड़ की मंजूरी दे दिया. काम शूरू हुआ तो पता चला पियर की डिजाइन बदलनी पड़ेगी. डेढ़ साल बीत गया पियर के बदले डिजाइन पर काम अभी तक शुरू नहीं हुआ. 30 से ज्यादा स्कूली बच्चों के अलावा 10 गांव के सैकड़ों लोग आज भी जान जोखिम में डाल कर नदी पार करने को मजबूर है. बन्द काम के चलते आक्रोशित ग्रामीण आज लामबद्ध होकर नदी के पास पहले जमकर हंगामा किया, फिर सीएम के नाम ज्ञापन भेज कर चेतावनी दिया है कि 15 दिन में काम शुरू नहीं किया गया तो चुनाव बहिष्कार के अलावा आंदोलन को उग्र करेंगे.

तेलनदी  के सेनमूडा  घाट पर सरकार ने पुलिया बनाने के लिये 6 करोड़ 32 लाख की मंजूरी देकर जनवरी 2017 में कार्यदेश भी जारी कर दिया था. अनुबन्ध राजधानी के गणपति कंस्ट्रक्शन को मिला था, जिसने समय पर काम चालू कर दिया था. 325 मीटर लम्बी पुल की स्लैब ढलाई के लिये 14 खम्भे खड़े किए जाने थे. काम शुरू होते ही ठेका कम्पनी ने पियर खड़े करने से पहले निर्धारित जगहों के तह की जांच किया. जिसमें पता चला कि 10 पियर जिन जगहों पर खड़े होने है वहां जमीन के नीचे तय दूरी से ज्यादा गहराई में हार्ड स्टेटा मिला. तकनीकी अधिकारियों ने इस 10 पियर खड़े करने के लिये दूसरी डिजाइन की सलाह दिया. विभाग ने काम बंद कर नए डिजाइन तैयार करने भोपाल के आर्किटेक्ट को पेपर्स भेजे.

लागत राशि करीब साढ़े 8 करोड़ पहुंचा

नई डिजाइन कि पुनः स्वीकृति शासन स्तर पर कर काम को जल्द शुरू कराया जाना था. लेकिन सीएम के इस महत्वपूर्ण सौगात, विभाग कि लापरवाही की भेंट चढ़ गया है. मामले में सेतू सेंक्शन के कार्यपालन अभियन्ता आर के मिश्रा ने कहा कि चेंज किये किये डिजाइन को एनआईटी अप्रूवल के लिये भेजा गया है, लागत राशि बढ़ कर करीबन साढ़े 8 करोड़ हो गया है. विभागीय प्रक्रिया पूरी होते ही अक्टूबर तक कार्य आरम्भ कर दिया जाएगा.

जान जोखिम में डाल रहे बच्चे

विकास के दावो के बीच पुल के अभाव में रोजाना हायर सेकेंडरी व कॉलेज पढ़ने वाले बच्चे जान जोखिम में डाल कर नदी पार करते हैं. बहाव तेज हुआ तो स्कूल बंद कर देते है. बेटियों को पार कराने गांव के लोग या परिवार के सदस्य काम छोड़कर रोजाना आते जाते वक्त नदी के पास तैनात रहते हैं. किताबो के बस्ते के बजाए सायकल लाद कर छात्र रोजाना नदी पार करते हैं. आधा किमी इस नदी को पार करने में आधे घण्टे का वक़्त लग जाता है. कभी-कभी स्कूल के लिये देरी हो जाती है. समस्या स्वास्थ्य सुविधा को लेकर भी है. ग्रामीण सुंदर यादव, ऋषिकेश नायक, मोहन प्रधान ने बताया कि गम्भीर स्थिति में अस्पताल ले जाने के लिये रास्ते के बारे मे सोचते रहते है और मरीज की जान चली जाती है.

चुनाव बहिष्कार कर उग्र आंदोलन की चेतावनी

आज नदी किनारे सेनमुदा, मोटरापारा, खोकसरा, फुलीमुडा समेत 10 गांव के सैकड़ों लोग नदी तट पर एकत्रित हुए. ग्रामीणों ने काम शुरू कराने के लिये सीएम के नाम ज्ञापन तैयार कर एसडीएम को सौपा.  जिसमें उन्होंने कहा है कि 15 दिवस के भीतर अगर पुलिया निर्माण शुरू नहीं किया गया तो वे चुनाव का बहिष्कार करेंगे. फिर नेशनल हाइवे जाम समेत अन्य प्रदर्शन कर उग्र आंदोलन लगातार करने की बात कही है.