रायपुर। 2010 में बस्तर में हुए नक्सली हमले को जेएनयू में सेलिब्रेट किया गया था। यह दावा किया है जेएनयू के प्रोफेसर बुद्ध सिंह का। इतना ही नहीं उनका आरोप है कि जेएनयू के भीतर आईएसआईएस इंडिया काम कर रही है। हांलाकि इस आईएसआईएस को दूसरे तरीके से इलोब्रेट किया. उन्होंने कहा कि जेएनयू में आईएसआईएस का आशय इंचलेक्चुअल सेक्सुअल इंटलेक्चुअल सेप्रटिस्ट.

रायपुर में एक प्रेसवार्ता के दौरान प्रोफेसर बुद्ध सिंह ने ये गंभीर आरोप जेएनयू के छात्रों व प्रोफेसरों पर लगाया है। प्रोफेसर बुद्ध सिंह उस वक्त सुर्खियों में आए जब उन्होंने पुलिस में अपने कार के शीशों टूटने की रिपोर्ट लिखाई थी। उनका आरोप था कि वे शहीदों की श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किए थे जिसकी वजह से उनकी कार का कांच तोड़ा गया था।

जेएनयू और दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर व छात्रों का 10 सदस्यीय दल बस्तर के तीन दिवसीय दौरे पर गया था। बस्तर से लौटने के बाद शनिवार को उन्होंने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में प्रेसवार्ता का आयोजन किया था। इन्होंने अपने बस्तर दौरे के अनुभव को साझा किया। टीम ने बताया कि बस्तर के हालात बहुत बेहतर हैं वहां रोड अच्छे हैं, अच्छी शिक्षा व्यवस्था मिल रही है, केवल नक्सली इसको नुकसान पहुंचा रहे हैं।