शब्बीर अहमद, भोपाल। एमपी की नई महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अर्चना जयसवाल को बनाया गया है लंबी जद्दोजहद के बाद अर्चना जयसवाल के नाम पर सहमति बनी, लेकिन पार्टी के इस फैसले से अध्यक्ष की दौड़ में शामिल महिला नेत्री नाराज बताई जा रही है अब उन्हें संतुष्ट करने के लिए पार्टी ने एक फार्मूला तैयार किया हैं।

इसे भी पढे़ं : बाढ़ ने छात्रा के सपनों पर फेरा पानी, तबाही में बह गईं किताबें और लैपटॉप, भांजी ने मामा से लगाई गुहार

ये है कांग्रेस आलाकमान का फार्मूला

27 जुलाई को अर्चना जयसवाल को महिला कांग्रेस का फिर से अध्यक्ष बना दिया गया लेकिन इस फैसले के बाद अध्यक्ष पद के दूसरे दावेदार नाराज बताए जा रहे हैं अब नेताओं की नाराजगी को दूर करने के लिए पार्टी ने एक फॉर्मूला तैयार किया है जिससे अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल नेत्रियों को संतुष्ट किया जाए। अध्यक्ष पद के साथ चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है जो अलग-अलग संभाग और समाज से हो इससे एक तीर से तीन निशाने होंगे पहला नेताओं की नाराजगी दूर होगी दूसरा सभी संभाग को प्रतिनिधि मिलेगा और तीसरा सभी समाज को साधने की कोशिश की जाएगी।

इसे भी पढे़ं : MP के सभी IPS बाढ़ पीड़ितों को देंगे अपनी 1 दिन की सैलरी, एसोसिएशन ने ट्वीट कर दी जानकारी

पहले भी थी 5 कार्यकारी अध्यक्ष

ये पहली बार नहीं है जब कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष फॉर्मूला ला रही हो इससे पहले वाली कार्यकारणी में भी कांग्रेस ने पांच कार्यकारी अध्यक्ष का फॉर्मूला लाया था जिसमें अलग-अलग संभाग की नेत्र थी साथी ही इस बात का भी ध्यान रखा था कि ये सभी अलग-अलग जाति से हो। कार्यकारी अध्यक्ष की दौड़ में ग्वालियर से रश्मी पवार, उज्जैन से नूरी खान, विजेता त्रिवेदी, बिंदू डागोर और अंजू बघेल के नाम सामने आ रहे हैं, लेकिन कांग्रेस के इस फॉर्मूले पर बीजेपी ने सवाल उठाते हुए कहा है कि कांग्रेस सिर्फ गुटों को साधने में जुटी हुई है इसके अलावा कांग्रेस के पास और कोई काम नहीं हैं।

इसे भी पढे़ं : केंद्रीय मंत्री सिंधिया करेंगे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई दौरा, आज रात पहुंचेंगे ग्वालियर

अब देखने होगा कांग्रेस को इस फॉर्मूले से कितना फायदा होता है और नाराज महिला नेत्रियों को कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाता है तो वो एक कितना एक मंच पर आकर पार्टी को मजबूती के लिए काम करती है क्योंकि सबकों साधने के लिए कार्यकारी अध्यक्ष बना तो दिए जाते हैं लेकिन उनमें एकजुटता की हमेशा कमी देखी जाती हैं।

इसे भी पढे़ं : बाढ़ प्रभावित श्योपुर में पीड़ितों के लिए भेजे गए 5 हजार राशन के पैकेट, गोवा के मंत्री ने हरी दिखाकर ट्रक को किया रवाना