नई दिल्ली। हमारी सेना जम्मू-कश्मीर में लगातार आतंकवादियों से लोहा ले रही है. सुरक्षाबल का हर जवान पूरी बहादुरी से आतंकियों का मुकाबला कर रहा है. शनिवार को जम्मू के सुंजवां आर्मी कैंप पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया था, जिसमें मेजर अभिजीत घायल हो गए थे.

घायल मेजर अभिजीत को 4 दिनों के बाद होश आया है और होश में आने के साथ ही उन्होंने सबसे पहले आतंकवादियों के बारे में पूछा. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों का क्या हुआ. मुझे वहां जाने दो. उन्हें न अपनी चोट की परवाह है और न किसी और चीज़ की. उन्हें परवाह है तो सिर्फ देश की और देश पर बुरी नज़र डालने वाले आतंकवादियों को वे जिंदा नहीं छोड़ना चाहते.

बता दें कि 10 फरवरी को हुए इस हमले में सेना के 5 जवान शहीद हुए थे, वहीं एक सिविलयन की भी जान गई थी. वहीं आर्मी ने 3 आतंकियों को मार गिराया था.

इस हमले में मेजर अभिजीत घायल हो गए थे. उधमपुर कमांड हॉस्पिटल के मेजर जनरल नदीप नैथानी ने कहा कि उनका हौसला बेहद मजबूत था. उन्होंने कहा कि सर्जरी के तुरंत बाद उन्होंने पूछा कि आतंकवादियों का क्या हुआ. यहां तक कि वे घायल हालत में भी वहां जाने को तैयार थे.

सुंजवां हमले में शहीद जवान और एक अन्य

– सूबेदार मदन लाल चौधरी
– सूबेदार मोहम्मद अशरफ मीर
– हवलदार हबीबुल्लाह कुरैशी
– नायक मंजूर अहमद
– लांस नायक मोहम्मद इकबाल
– लांस नायक मो. इकबाल के पिता (सिविलियन)

इस हमले को लेकर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि हमलों के पीछे मास्टरमाइंड जैश-ए-मोहम्मद का चीफ अजहर मसूद है, जिसे वहां पर समर्थन प्राप्त है. उन्होंने कहा कि आतंकियों को सीमा पार से हैंडलर्स निर्देश दे रहे थे. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को इस हरकत की कीमत चुकानी होगी.