Income Tax Old Regime: वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट पेश होने में 20 दिन शेष हैं. 1 फरवरी 2023 को वित्त मंत्री संसद में बजट पेश करेंगी. इस समय सबकी निगाहें बजट से जुड़ी किसी खबर या अलग-अलग सेक्टरों द्वारा वित्त मंत्री से की गई मांग पर टिकी हैं. नौकरीपेशा लोगों से लेकर किसानों तक सबकी निगाहें बजट पर टिकी हैं. लोकसभा चुनाव से पहले सरकार के आखिरी पूर्ण बजट से आम जनता को इससे काफी उम्मीदें हैं.

कम आय वालों के लिए कम कर
इस बजट में इनकम टैक्स छूट की सीमा बढ़ाने के साथ-साथ स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा भी बढ़ने की उम्मीद है. मौजूदा समय में आयकर छूट की दो व्यवस्थाएं हैं. पहली नई टैक्स व्यवस्था और दूसरी पुरानी टैक्स व्यवस्था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि सात टैक्स स्लैब वाली वैकल्पिक आयकर व्यवस्था इसलिए लाई गई ताकि कम आय वालों को न्यूनतम टैक्स देना पड़े.

नई कर व्यवस्था में कोई छूट नहीं
सीतारमण ने बताया कि पुरानी टैक्‍स व्‍यवस्‍था में आप अलग-अलग तरीकों से इनकम टैक्‍स छूट क्‍लेम कर सकते हैं. इसमें करदाता 7-10 तरह से छूट का दावा कर सकते हैं. इसमें 10, 20 और 30 फीसदी की दर से टैक्स देना होता है. पुरानी टैक्स व्यवस्था के साथ ही सरकार नई टैक्स व्यवस्था लेकर आई है, इसमें टैक्स से कोई छूट नहीं है. लेकिन इसमें टैक्स की दर कम है.

पुरानी कर व्यवस्था में 4 स्लैब
वित्त मंत्री ने बताया कि नई पुरानी व्यवस्था में 7 टैक्स स्लैब हैं, जबकि पुरानी टैक्स व्यवस्था में 4 स्लैब हैं. कम आय वर्ग के लोगों के लिए पुरानी कर व्यवस्था बेहतर है. इसमें आप हाउस रेंट अलाउंस, होम लोन का ब्याज, 80C और मेडिकल इंश्योरेंस समेत 7 तरह से टैक्स बचा सकते हैं. वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि उन्हें सात स्लैब बनाने पड़े, ताकि निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए कम दरें हों.

पुरानी कर व्यवस्था

0 – 2,50,000 रुपये तक – जीरो टैक्स
2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये – 5% टैक्स
5 लाख से 10 लाख – 20 प्रतिशत टैक्स
10 लाख रुपये से 15 लाख रुपये या उससे अधिक – 30 प्रतिशत कर

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