नई दिल्ली। भारत और चीन के साथ लद्दाख सीमा पर बनी विवाद की स्थिति चुशूल में हुई आठवें दौर के बाद सुलझती नजर आ रही है. बातचीत में चीन अगले कुछ दिनों में टकराव वाले कुछ स्थानों पर पीछे हटने को सहमत हो गया है, लेकिन पहले की बैठकों के परिणामों को देखते हुए भारत जमीनी क्रियान्वयन को लेकर चौकन्ना है.

रक्षा से जुड़े सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बैठक में दोनों पक्षों में आने वाले दिनों में टकराव वाले स्थानों से क्रमशः पीछे हटने का फैसला किया है. लेकिन इस मसले पर भारत संभल-संभल कर आगे बढ़ रहा है, क्योंकि भारत की मंशा बैठक में हुई बातों के जमीन पर अमलीकरण को लेकर है.

बीते जून महीने में भी चीन ने पीछे हटने की बात कही थी, लेकिन ऐन वक्त पर चीन के अपने वायदे से पीछे हटने से गलवान जैसी घटना हो गई थी, जिसमें भारत के जहां 20 सैनिक शहीद हो गए, वहीं दूसरी ओर चीन को दशकों बाद पहली बार सेना को न केवल मोर्चे पर मात खानी पड़ी बल्कि 62 जवानों की मौत भी हुई.

बैठक के बाद भारत और चीन की ओर जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि भारत-चीन के पश्चिमी सेक्टर के लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर दोनों पक्षों के पीछे हटने को लेकर सार्थक चर्चा हुई. दोनों पक्ष अपने नेताओं के बीच चर्चा के बाद हुई सहमति को अमलीजामा पहनाने को सहमत जताई है.

इसके अलावा अग्रिम पंक्ति की सेना संयम बरतते हुए किसी तरह की मिसअंडरस्टेंडिंग और मिसकैल्कुलेशन की स्थिति न बने. इसके अलावा मिलिट्री और डिप्लोमेटिक चैनल के जरिए बातचीत का रास्ता खुला रखेंगे. और बातचीत का जरिया खुला रखते हुए अन्य विषयों पर समझौते की ओर आगे बढ़ेंगे. इस तरह से दोनों संयुक्त रूप से सीमा पर शांति और सौहार्द बनाए रखेंगे. इसके साथ आगे की दौर की चर्चा के लिए भी सहमत हुए हैं.