नई दिल्ली। कथित शराब नीति घोटाले के सिलसिले में पिछले हफ्ते दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता की टिप्पणी पर सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई है. विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के कार्यवाहक मिशन उपप्रमुख ग्लोरिया बरबेना को बुधवार दिल्ली स्थित अपने कार्यालय में तलब किया. इसके साथ ही विदेश मंत्रालय ने “अस्वस्थ मिसालों और “अनुचित आक्षेपों” के खिलाफ चेतावनी दी. इसे भी पढ़ें : BREAKING NEWS: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हाईकोर्ट से बड़ा झटका, 3 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई

विदेश मंत्रालय ने कहा, “राज्यों से दूसरों की संप्रभुता और आंतरिक मामलों का सम्मान करने की अपेक्षा की जाती है, और साथी लोकतंत्रों के मामले में यह जिम्मेदारी और भी अधिक है. अन्यथा यह अस्वस्थ मिसाल कायम कर सकता है.” बयान में जोर देकर कहा गया, “भारत की कानूनी प्रक्रियाएं एक स्वतंत्र न्यायपालिका पर आधारित हैं, जो उद्देश्यपूर्ण और समय पर परिणाम के लिए प्रतिबद्ध है. उस पर आरोप लगाना अनुचित है.”

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मंगलवार को अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि वह केजरीवाल की गिरफ्तारी की रिपोर्टों की निगरानी कर रहा है, और नई दिल्ली से जेल में बंद आम आदमी पार्टी नेता के लिए “निष्पक्ष और समय पर कानूनी प्रक्रिया” सुनिश्चित करने का आह्वान किया.

अमेरिकी विदेश विभाग की यह टिप्पणी जर्मनी के विदेश कार्यालय द्वारा इस बात पर जोर देने के कुछ दिनों बाद आई है कि केजरीवाल, आरोपों का सामना कर रहे किसी भी अन्य भारतीय नागरिक की तरह, निष्पक्ष और निष्पक्ष सुनवाई के हकदार हैं.

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भारत सरकार ने टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जर्मन दूत को तलब किया और विदेश कार्यालय के प्रवक्ता की टिप्पणी को “आंतरिक मामलों में ज़बरदस्त हस्तक्षेप” करार दिया. विदेश मंत्रालय ने कहा, “हम ऐसी टिप्पणियों को हमारी न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप और हमारी न्यायपालिका की स्वतंत्रता को कम करने के रूप में देखते हैं. पक्षपातपूर्ण धारणाएं सबसे अनुचित हैं.”