नई दिल्ली। ब्रिटेन को पछाड़कर भारते के दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के साथ एक और बढ़ खबर सामने आई है. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने अपनी रिपोर्ट में 2029 तक जर्मनी और जापान को पछाड़कर भारत के तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की संभावना जताई है. इसके पीछे मुख्य कारण 2014 के बाद से किए गए संरचनात्मक बदलाव है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में जब कार्यभार संभाला, उस समय भारत की अर्थव्यवस्था 10वें स्थान पर थी. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के इकोनॉमिक रिसर्च डिपार्टमेंट की रिपोर्ट की माने तो 15 साल के भीतर सात अंकों की उछाल के साथ भारत तीसरे स्थान पर काबिज हो सकता है.रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा विकास दर के लिहाज से भारत 2027 में जर्मनी से और 2029 तक जापान को पीछे छोड़ देगा.

इस सप्ताह जारी पहली तिमाही के जीडीपी के आंकड़ों के अनुसार, जून 2022 की तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था ने 13.5 फीसदी की दर से वृद्धि की है. रिपोर्ट के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में संभावना है कि भारतीय इकोनॉमी सबसे तेज रफ्तार से आगे बढ़े. वित्त वर्ष 2023 के लिए भारत की जीडीपी विकास दर का अनुमान फिलहाल 6.7 से 7.7 फीसदी तक है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया में अनिश्चितताओं के माहौल के बीच हमारा मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 6 फीसदी से 6.5 फीसदी की वृद्धि ‘न्यू नॉर्मल’ है. इधर भले ही दुनिया भले हे मंदी और महंगाई की मार झेल रहा हो, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था तमाम चुनौतियों के बाद भी तेज रफ्तार से आगे बढ़ रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले दिनों में भारत को अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर फायदा मिलने की संभावना है, क्योंकि चीन नए निवेश के मामले में धीमा पड़ा रहा है.

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