कलेक्टर की डांट के बाद तहसीलदार ने इस्तीफा दे दिया. तहसीलदार के इस्तीफे देने की बात सामने आने के बाद अफसरों में खलबली मच गई. देर रात तक एडीएम प्रशासन राजेश गोयल व आसींद एसडीएम संजय कुमार काकड़ तहसीलदार प्रवीण को समझाते नजर आए.

यह मामला राजस्थान के भीलवाड़ा का है. दरअसल, मंगलवार को जिला मुख्यालय पर राजस्व अधिकारियों की बैठक रखी गई थी. इस बैठक में आसींद तहसीलदार प्रवीण चौधरी को उनके इलाके में काम की कम प्रगति होने पर डांटा गया था. इसके बाद आसींद एसडीएम बैठक में अनुपस्थित होने के चलते आसींद की जानकारी मांगने के लिए तहसीलदार प्रवीण को खड़ा किया गया. उन्हें जींस पहना हुआ देख कलेक्टर आशीष मोदी भड़क गए और तहसीलदार को बैठक से बाहर निकाल दिया. मामले में तहसीलदार ने उन्हें टारगेट करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि एक आईपीएस के परिवार की जमीन का नामांतरण नहीं किया था. उसी के चलते उन्हें बैठक में टारगेट किया गया.

जितना समय मिला, पूरा काम किया
तहसीलदार प्रवीण चौधरी ने बताया कि वह आसींद में 27 अगस्त को नायाब तहसीलदार लगे थे और 22 अगस्त को उन्हें तहसीलदार का चार्ज मिला है. इन समय में भी जितना हो सकता है उससे बेहतर कार्य किया है. आसींद के अलावा दूसरे स्थानों पर भी काम की प्रोग्रेस कम है. उन्होंने कहा कि मुझे प्रभारी भू-अभिलेख व भीलवाड़ा एसडीएम ने फोन कर एक म्यूटिशियन खोलने के लिए कहा. इसमें कलक्टर सर का हवाला दिया गया था. यह म्यूटिशियन किसी आईपीएस अधिकारी के परिवार का था, जो मोड़ का निम्बाहेड़ा में खुलाना था. जांच करने पर पता चला कि उसके परिवार का वहां कोई नहीं रहता.सभी ब्यावर में रहने की जानकारी मिली तो वहां से सजरा मंगवाया. मैने सैक्शन 135 -2 में प्रकरण का निस्तारण करने के लिए कहा, लेकिन मेरे साथ ऐसा हो गया.

तहसीलदार हमारे राजस्व परिवार के अधिकारी
कलेक्टर आशीष मोदी ने कहा कि तहसीलदार हमारे राजस्व परिवार के अधिकारी हैं. वह थोड़ा सेंटीमेंटल हो गए. आसींद तहसील के कई मामलों में प्रोग्रेस कम थी तो डाट लगाई थी. जींस पहनने से निकालना कोई वजह नहीं. रही बात मोड़ का निम्बाहेड़ा में आईपीएस परिवार के म्यूटिशियन खोलने कि तो मेरी इस संबंध में तहसीलदार से कभी बात नहीं हुई. तहसीलदार से बात हो गई है, उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है.