नई दिल्ली. अमेरिका ने अफगानिस्तान के काबुल में छिपे अलकायदा चीफ अयमान अल जवाहिरी को जिस MQ9 Reaper ड्रोन का इस्तेमाल कर मारा था, वह जल्द ही भारत के पास भी होगा. इस ड्रोन को अमेरिका से खरीदने की प्रक्रिया अपने आखिरी चरण में है. MQ9 Reaper ड्रोन की खासियत यह है कि वह दुश्मन को अपने मूवमेंट की भनक नहीं लगने देता है. भारत करीब 3 बिलियन डॉलर से अधिक कीमत पर इस अमेरिकी ड्रोन को खरीद रहा है.

न्यूज एजेंसी ने रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बताया कि नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच MQ9 Reaper ड्रोन की खरीदी के लिए बातचीत चल रही है. इस ड्रोन को विकसित करने वाली कंपनी जनरल एटॉमिक्स ग्लोबल कॉरपोरेशन (GAGC) के मुख्य कार्यकारी डॉ. विवेक लाल ने बताया कि ड्रोन की खरीदी के लिए बातचीत अपने अंतिम चरण में है. पता चला है कि इस ड्रोन की खरीदी का प्रस्ताव अप्रैल में वाशिंगटन में भारत और अमेरिका के बीच विदेश और रक्षा मंत्री स्तरीय चौथी 2़2 मीटिंग में आया था.

साल 2020 में भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर में निगरानी के लिए जनरल एटॉमिक्स से 2 MQ-9B सी गार्डियन एक वर्ष की लीज पर लिए थे. बाद में इस लीज की अवधि बढ़ा दी गई थी. भारतीय नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिविधियों की निगरानी के लिए अपने तंत्र को मजबूत कर रही है. ये हंटर किलर ड्रोन सेना की तीनों सेवाओं के लिए खरीदे जाएंगे.

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ये हैं अमेरिकी MQ9 Reaper ड्रोन की विशेषताएं
इस ड्रोन को हंटर-किलर यूएवी श्रेणी में रखा जाता है. MQ9 Reaper लॉन्ग रेंज एंड्योरेंस ड्रोन है, जो हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों से लैस रहता है. यह एक अनमैन्ड ड्रोन है, जिसे जॉय स्टिक के जरिए दूर बैठकर कंप्यूटर से उड़ाया जाता है. इसे अमेरिकी कंपनी जनरल एटॉमिक्स बनाती है. इसका इस्तेमाल सर्विलांस, जासूसी, सूचना इकट्ठा करने या फिर दुश्मन के ठिकाने पर चुपके से हमला करने के लिए किया जा सकता है. एमक्यू9 रीपर में 3 खास तरह के रडार लगे हैं. पहला रडार AN/DAS-1 MTS-B Multi-Spectral Targeting System है, जो किसी भी तरह के टारगेट को खोजकर उस पर हमला करने में मदद करता है.  दूसरा रडार है- AN/APY-8 Lynx II, यह निगरानी और जासूसी में मदद करता है. तीसरा रडार है Raytheon SeaVue Marine Search, जिसके जरिए यह ड्रोन समुद्र की गहराई में छिपी पनडुब्बियों को भी खोज लेता है.