स्पोर्ट्स डेस्क. भारत के शीर्ष भाला फेंक खिलाड़ियों में शामिल शिवपाल सिंह को नाडा (राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी) के डोपिंग रोधी अनुशासन पैनल द्वारा पिछले वर्ष डोप परीक्षण में विफल रहने के कारण 4 वर्ष के लिए खेल से निलंबित कर दिया गया है. टोक्यो ओलम्पिक में हिस्सा लेने वाले शिवपाल को पिछले वर्ष अक्टूबर में प्रतियोगिता से बाहर परीक्षण में विफल होने के बाद अस्थाइ निलंबन के तहत रखा गया था. उनके नमूने में प्रतिबंधित पदार्थ मेटांडाईओनोन की पुष्टि हुई थी. उत्तर प्रदेश के 27 वर्षीय एथलीट के लिए प्रतिबंध की अवधि पिछले वर्ष 21 अक्टूबर से शुरू हुई थी और उनकी निलंबन की अवधि अक्टूबर 2025 तक होगी.

 डोपिंग रोधी अनुशासन पैनल ने अगस्त में दिया था फैसला

डोपिंग रोधी अनुशासन पैनल ने अगस्त में ही यह फैसला दिया लेकिन आश्चर्यजनक रूप से नाडा की वेबसाइट पर कोई विस्तृत आदेश अपलोड नहीं किया गया था. शिवपाल का परीक्षण टोक्यो ओलम्पिक के बाद किया गया था जब कोई राष्ट्रीय शिविर नहीं चल रहा था. उनका नाम पिछले वर्ष 15 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक के शिविर के लिए भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) द्वारा घोषित एथलीटों की सूची में था. लेकिन शिविर को इस वर्ष 31 मार्च तक बढ़ाने के बाद इससे उनका नाम हटा दिया गया था.

2019 में एशियाई चैम्पियनशिप में जीता रजत पदक

शिवपाल ने दोहा में 2019 एशियाई चैम्पियनशिप में 86.23 मीटर के थ्रो के साथ रजत पदक जीता, जो उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रयास रहा है. टोक्यो ओलम्पिक में वह दूसरे क्वालिफिकेशन समूह में 76.40 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ 12वें और ओवरऑल 27वें स्थान पर रहे थे. उन्होंने ओलम्पिक के बाद किसी प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लिया है.

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