हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में सत्ता के नशे में चूर गुंडागर्दी का एक और मामला सामने आया है। कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का खास समर्थक बताया जाने वाला सूरज रजक अब पुलिस के शिकंजे में फंसता दिख रहा है। देर रात कनाड़िया थाना क्षेत्र में हुए हंगामे में सूरज रजक और उसके दो साथियों पर बाइक सवार युवकों से मारपीट और हवाई फायरिंग करने का मामला दर्ज किया गया है।
रात में रॉन्ग साइड से आई कार, फिर शुरू हुआ कहर
फरियादी स्नेहराज जाट (25), निवासी दूधिया ने पुलिस को बताया कि वह अपने दोस्त अर्पित सिंह गुर्जर के साथ दूधिया से घर लौट रहा था। जैसे ही दोनों बिचोली मर्दाना अंडरब्रिज के नीचे से गुजरे, तभी काले रंग की कार रॉन्ग साइड से उनकी बाइक के सामने आकर रुकी। कार में बैठे सूरज रजक उतरते ही गालियों की बौछार करने लगा और दोनों युवकों पर हमला कर दिया।
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देखते ही देखते उसके दो साथी भी कार से बाहर निकले, जिन्होंने बाइक सवारों को लात-घूंसों और डंडों से पीटना शुरू कर दिया। तभी सूरज रजक ने अपने साथी को आदेश दिया “पिस्टल निकाल, दिखाता हूं इनको कि सूरज रजक कौन है!” इसके बाद एक आरोपी ने हवा में फायर कर दिया। धमाके से पूरा इलाका दहल गया। दोनों युवक किसी तरह जान बचाकर भागे और सीधे कनाड़िया थाने पहुंचे।
FIR दर्ज, मंत्री समर्थक पर गंभीर धाराए
- थाने में फरियादी की रिपोर्ट पर पुलिस ने अपराध क्रमांक 609/25 दर्ज किया है।
- धाराएं-115(2), 296, 351(2), 125, 3(5) बी एन एस 2023
- आरोपी-सूरज रजक दो अज्ञात साथी घटना का समय- 16 अक्टूबर 2025, रात 12:45 बजे
- स्थान- बिचोली मर्दाना अंडरब्रिज के पास
- मामले की जांच- उनि दीपक पालिया, थाना कनाड़िया
सुबह पलटी कहानी, थाने पर बढ़ा सियासी दबाव
रात में हुई गोलीबारी की खबर फैलते ही सुबह सूरज रजक ने कहानी पलट दी। उसने खुद को पीड़ित बताने का नाटक शुरू किया और दावा किया कि उसे ही हमला किया गया था। सुबह होते-होते सूरज रजक अपने समर्थकों की भीड़ के साथ थाने पहुंचने की तैयारी में था। हालात बिगड़ने की आशंका में तीन थानों की पुलिस फोर्स कनाड़िया थाने पर तैनात कर दी गई।
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सियासी रसूख और पुलिस की खामोशी पर सवाल
सूत्रों के मुताबिक, सूरज रजक कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का बेहद करीबी और भरोसेमंद चेहरा माना जाता है। शहर के कई इलाकों में उसकी दबंगई और गुंडागर्दी के किस्से पहले से ही चर्चा में हैं। बावजूद इसके, पुलिस हर बार मौन रहती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि “जब नेता का हाथ सिर पर हो, तो पुलिस की नज़रें झुक जाती हैं।” अब सवाल यह है कि क्या इस बार भी सूरज रजक राजनीतिक संरक्षण की ढाल में बच जाएगा, या पुलिस वाकई सख्ती दिखाएगी?
थाने में अफसरों की हलचल, लेकिन कार्रवाई पर सस्पेंस
सूत्र बताते हैं कि घटना के बाद थाने में पूरी रात अफसरों की आवाजाही बनी रही। सूरज रजक के राजनीतिक संपर्कों के चलते पुलिस पर भारी दबाव है। हालांकि पुलिस ने सिर्फ इतना कहा है कि जांच चल रही है और सभी पहलुओं की पुष्टि के बाद ही कार्रवाई होगी।
सवाल यही- कानून बड़ा या रसूख?
इंदौर में ये पहला मामला नहीं, जब सत्ता से जुड़े लोग खुलेआम गुंडागर्दी करते दिखे। लेकिन हर बार की तरह इस बार भी जनता पूछ रही है। “क्या इंदौर में कानून सिर्फ आम आदमी के लिए है ? क्या रसूखदारों के लिए कानून की किताब अलग है ? सूरज रजक का आतंक और सत्ता का असर दोनों इंदौर में एक ही कहानी सुना रहे हैं- जब मंत्री के करीबी कानून तोड़ते हैं, तो पुलिस भी आंखें बंद कर लेती है। अब देखना ये है कि पुलिस सूरज को गिरफ्तार करती है या सत्ता का साया एक बार फिर न्याय पर भारी पड़ता है।
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