सुरेन्द्र जैन, धरसीवां। औद्योगिक प्रदूषण धरसीवां विधानसभा में कहर बरपा रहा है, लेकिन जिम्मेदार मौन हैं. सांकरा सिलतरा उरला ही नहीं, बल्कि उरला से लगे वाना गुमा में भी प्रदूषण मौत ‘बांट’ रहा है. यहां स्कूली छात्र छात्राओं के लिए भी मुसीबत की जड़ बन चुका है. मजाल है कि प्रदूषण नियंत्रण विभाग उस ओर आंख उठाकर देख ले. नौनिहाल मौत के मुंह में नजर आ रहे हैं. ये स्टूडेंट्स बस की कहानी नहीं है. प्रदूषण के जद में पूरा इलाका है.

उरला से लगे ग्राम गुमा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के सामने ओर पीछे आसपास कई फैक्ट्रियां बन चुकी है. इनके प्रदूषण और इन फैक्ट्रियों के कारण बड़ी संख्या में वाहनों की आवाजाही से दिनभर सड़क की धूल भी बच्चों के स्वस्थ्य पर विपरीत प्रभाव डाल रही है.

मंगलवार को स्कूल की एक 9वीं की छात्रा अचानक बेहोश हो गई. छात्रा शालिनी के पिता नारद यदु ने बताया कि बेहोश होने के बाद स्कूली शिक्षकों ने उसे अस्पताल नहीं भेजा न टीचर ने घर मे सूचना देने मोबाइल दिया एक छात्र ने कॉल कर सूचना दी. तब परिजन जाकर उसे लेकर अस्पताल पहुंचे.

हालांकि स्कूल प्राचार्य सी भट्ट ने कहा कि बच्ची को उन्होंने ओआरएस पिलाया था. पीड़ित छात्रा ने बताया कि फैक्ट्रियों के प्रदूषण और सड़क की दिनभर उड़ती धूल के प्रदूषण से बहुत दिक्कत होती है. पहले भी कई छात्र बेहोश हो चुके हैं.

इस क्षेत्र की जनपद सदस्य शासकीय नीतू साहू ने छात्रा के बेहोश होने के बाद स्कूली टीचरों के गैरजिम्मेदाराना रवैया पर नाराजगी जताई. स्कूल के आसपास फैक्ट्रियों के बढ़ते प्रदूषण को विधार्थियों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ बताया.

उन्होंने कहा कि बढ़ते प्रदूषण को लेकर वह विधाययक अनिता योगेंद्र शर्मा को भी अवगत करा चुकी हैं, लेकिन प्रदूषण नियंत्रण में बैठे जिम्मेदार अधिकारी लापरवाह बने हुए हैं.

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus