दिल्ली। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की ठोंको पालिसी की काफी आलोचना हो रही है। अब हाल ये है कि पुलिसवालों को ही एनकाउंटर का भय सताने लगा है।

कानपुर के गैंगस्टर विकास दुबे का साथ देने के आरोप में गिरफ़्तार सब इंस्पेक्टर केके शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। शर्मा ने अपनी जान को पुलिस वालों से ही गंभीर खतरा बताते हुए सुरक्षा दिए जाने की मांग की है। उसने देश की सर्वोच्च अदालत से तीन जुलाई की मुठभेड़ मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने की गुहार लगाई है। गौरतलब है कि तीन जुलाई की रात को कानपुर में विकास दुबे के आवास पर दबिश देने गई पुलिस टीम पर किए गए हमले में आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी।

अपनी पत्नी विनीता सिरोही के मार्फत दाखिल याचिका में पुलिस अधिकारी कृष्ण कुमार शर्मा ने आशंका जताई है कि यूपी पुलिस उनका भी गैरकानूनी तरीके से एनकाउंटर कर सकती है। याचिका में शर्मा ने कहा है कि उसको इस आधार पर गिरफ्तार कर लिया गया है कि उसने बिकरू गांव में पुलिस की छापेमारी के बारे में विकास दूबे को जानकारी दी थी। जेल में बंद शर्मा ने इस आरोप को चुनौती देते हुए कहा है कि उसके प्रभारी और चौबेपुर थाने के एसएचओ विनय तिवारी ने फोन पर उसको थाने में ही रहने के निर्देश दिए थे। याचिका में कहा गया है कि जिस संस्था को राज्य में कानून-व्यवस्था की रक्षा की जिम्मेदारी दी गई है वह कानून अपने हाथों में ले रही है। इसलिए कोर्ट उसकी जानमाल की रक्षा करे।