रायपुर. मधुमेह यानी डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देती है. जिससे कई तरह की बीमारियां शरीर को अपनी चपेट में ले लेती हैं. ऐसे में इंसुलिन एक ऐसा पौधा है जो डायबिटीज पर लगाम लगाने में काफी प्रभावी है. इसकी पत्तियों से ब्लड शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है.
बता दें कि इस पौधे में इंसुलिन नहीं होता और ना ही शरीर में यह इंसुलिन बनाता है, लेकिन इस पौधे में मौजूद प्राकृतिक रसायन शुगर को ग्लाइकोजेन में बदल देते हैं, जिससे उपापचय (metabolism) की प्रक्रिया को बढ़ावा मिलता है.
क्या है इंसुलिन का पौधा
इंसुलिन प्लांट एक ऐसा पौधा है जिसकी पत्तियां चबाकर आप काफी हद तक अपना शुगर कंट्रोल कर सकते हैं. इंसुलिन प्लांट्स का आयुर्वेद में काफी महत्व है. इसका वैज्ञानिक नाम कोक्टस पिक्टस है. इसे क्रेप अदरक, केमुक, कुए, कीकंद, कुमुल, पकरमुला और पुष्करमूला जैसे नामों से भी जाना जाता है. स्वाद में इसकी पत्तियों का टेस्ट खट्टा होता है.
इंसुलिन पौधे के फायदे
ये ब्लड फ्लो में ग्लूकोज के हाई लेवल को ट्रिगर करता है और कंडीशन को ठीक करता है. इंसुलिन संयंत्र का उपयोग खांसी, सर्दी, त्वचा संक्रमण, आंखों के संक्रमण, फेफड़ों के रोग, अस्थमा, दस्त और कब्ज जैसी बीमारियों के लिए भी किया जाता है.
इंसुलिन प्लांट के साइड इफेक्ट
इंसुलिन का पौधा कॉस्टस इग्नियस को इंसुलिन संयंत्र के रूप में जाना जाता है. क्योंकि यह मधुमेह वाले कुछ लोगों के लिए ग्लूकोज के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है. इस पौधे के दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जिनमें चक्कर आना और पेट की समस्याएं शामिल हैं.
इस तरह करें इस्तेमाल
इंसुलिन के पौधे की दो पत्तियों को धोकर आप पीस लें. अब एक गिलास पानी में इसे घोलकर सुबह-शाम नियमित रूप से सेवन करें. इसके नियमित सेवन से डाइबिटीज की बीमारी में सुधार दिखने लगता है.
घर पर लगा सकते हैं इंसुलिन का पौधा
इंसुलिन का पौधा आप सालभर कभी भी लगा सकते हैं. यह एक झाड़ीनुमा पौधा होता है. जिसकी ऊंचाई ढाई से तीन फीट तक होती है. आप घर पर गमले में खाद और मिट्टी को सही अनुपात में डालकर इसे लगाएं और पानी देते रहें. ये आसानी से गमले में पनप जाता है.
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