सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कमल नारायण शर्मा की जयंती मनाने नोटिस जारी करने के बाद कार्यक्रम आयोजित नहीं कर पाने की चूक को महापौर प्रमोद दुबे ने स्वीकार किया है. इसके साथ ही उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि शहीद की प्रतिमा के नीचे धरना देने की बजाए माल्यापर्ण करना था.

बता दें कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कमल नारायण शर्मा की जयंती मनाने के लिए नोटिस जारी करने के बाद निगम के जिम्मेदार कार्यक्रम को ही भूल गए थे. जब स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के परिजन और निगम सभापति स्थल पर पहुंचे तब निगम की लापरवाही सामने आई, जिसके विरोध में उन्होंने शहीद की प्रतिमा के नीचे बैठकर प्रदर्शन किया, साथ ही राज्य सरकार को जमकर कोसा.

निगम आय़ुक्त शिव अनंत तायल ने बताया कि निगम के कर्मचारी कन्फूज्ड हो गए कि जयंती 9 को है या 19 को, क्योंकि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कमल नारायण शर्मा के प्रतिमा के नीचे 19 अक्टूबर लिखा हुआ है, इसलिए आय़ोजन में चुक हुई. लेकिन गलती का पता चलते ही जोन कमिश्नर अपने अमले के साथ पहुंच कर जयंती समारोह का आयोजन किया.

महापौर प्रमोद दुबे ने गलती स्वीकार करते हुए कहा कि चूक तो हुई है, लेकिन वहीं बीजेपी पर तंज करते हुए कहा कि जो धरना दे रहे थे, उनकी भी जिम्मेदारी है कि अगर कोई नहीं तो खुद माल्यापर्ण करते क्योंकी वो सब निगम के जिम्मेदार पद पर हैं. महापौर ने कहा कि कमल नारायण जी की प्रतिमा चार वर्षों से ढकी हुई रखी थी, तब तो बीजेपी ने ध्यान नहीं दिया.

उन्होंने कहा कि जब हमारी सरकार बनी तो सीएम भूपेश बघेल ने इस महापुरुष की प्रतिमा का अनावरण किया है, सभी ध्यान का रखा जाता है, जो पार्षद हैं जिम्मेदार पद होने के बावजूद धरना देना ही स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का अपमान है, बाकी चुनाव नजदीक है, अब सब ध्यान आएगा. पिछले पांच साल का रिकॉर्ड देखा जाए तो ये लोग बीजेपी इस तरह के कितने कार्यक्रम शामिल हुए पता चलेगा.

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