नई दिल्ली। खुफिया एजेंसियों को सोमवार को मोहाली में पंजाब पुलिस की खुफिया शाखा मुख्यालय पर रॉकेट से चलने वाले ग्रेनेड (आरपीजी) हमले में खालिस्तान समर्थक तत्वों के शामिल होने का संदेह है. सूत्रों ने खुफिया जानकारी के हवाले से बताया कि हमले का मास्टरमाइंड बब्बर खालसा का आतंकी हरविंदर सिंह रिंडा हो सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि माना जाता है कि रिंडा पाकिस्तान में छिपा हुआ है और राज्य में आतंकवादी गतिविधियों के लिए पंजाब में खालिस्तान समर्थक तत्वों को फिर से सक्रिय करने की कोशिश कर रहा है. सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस इन खालिस्तानी तत्वों का इस्तेमाल अमेरिका, जर्मनी और कनाडा जैसे विभिन्न देशों में कर रही है.

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अमेरिका द्वारा छोड़े गए RPG पर तालिबान ने किया था कब्जा

पंजाब पुलिस द्वारा उपलब्ध कराए गए इनपुट के अनुसार, आरपीजी अमेरिकी सेना द्वारा इस्तेमाल किए गए आरपीजी के समान था और एजेंसियों को संदेह है कि यह तालिबान से पाकिस्तान में आतंकवादी संगठनों द्वारा खरीदा गया हो सकता है. सूत्रों ने कहा कि अमेरिकी सेना ने पिछले साल अफगानिस्तान छोड़ने पर आरपीजी को बड़ी संख्या में छोड़ दिया था और तालिबान ने उन्हें पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों को बेच दिया था. सुरक्षा-व्यवस्था के अधिकारियों ने कहा कि आतंकवादियों द्वारा आरपीजी का इस्तेमाल करना सुरक्षा बलों के लिए चिंता का विषय है. हाल ही में हरियाणा पुलिस ने करनाल के पास एक टोल प्लाजा से 4 खालिस्तानी आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था, जिन्होंने खुलासा किया था कि रिंडा पाकिस्तान से ड्रोन का इस्तेमाल कर पंजाब में ड्रग्स और हथियार गिरा रहा था. सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ से जुड़े ऐप्स, वेबसाइटों और सोशल मीडिया अकाउंट्स को ब्लॉक करने का आदेश दिया है, जो पंजाब में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने की पूरी कोशिश कर रहा है.

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आरपीजी यानि रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड क्या है ?

रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (RPG) से किसी भी टैंक, बख्तरबंद गाड़ी, हेलिकॉप्टर या विमान को उड़ाया जा सकता है. इसकी रेंज 700 मीटर होती है. रॉकेट से चलने वाला ग्रेनेड कंधे पर रखकर दागा जाता है. यह मिसाइल हथियार है, जो विस्फोटक वारहेड से लैस रॉकेट लॉन्च करता है. अधिकांश आरपीजी को अकेले कोई एक शख्स ऑपरेट कर सकता है. वहीं जांच में ये भी पता चला कि पंजाब पुलिस के मोहाली स्थित इंटेलिजेंस हेडक्वार्टर हमले में रशियन रॉकेट लॉन्चर का इस्तेमाल किया गया था. मंगलवार देर रात को पुलिस ने इसे रिकवर कर लिया. आशंका जताई जा रही है कि इसे ड्रोन के जरिए पाकिस्तान से पंजाब पहुंचाया गया होगा. बताया जा रहा है कि पूरी बिल्डिंग को उड़ाने की साजिश रची गई थी, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया. पंजाब DGP वीके भावरा ने जानकारी दी थी कि विस्फोट में टीएनटी (ट्राइ नाइट्रो टाल्यून) पदार्थ का इस्तेमाल हुआ था.

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हमलावरों ने कार से ही दागा था रॉकेट

इधर मोहाली स्थित इंटेलिजेंस हेडक्वार्टर पर हुए हमले का जो CCTV फुटेज सामने आया है, उसमें दिख रहा है कि हमलावरों ने कार से ही रॉकेट दागा. जिस वक्त धमाका हुआ, हमलावरों की स्विफ्ट कार भी वहां से गुजरती हुई नजर आई. संदिग्ध हमलावर भी सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दिए हैं. इस मामले में पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. इनमें पहला नाम तरनतारन के भिखीविंड के रहने वाले निशान सिंह का है. निशान सिंह तरनतारन के भिखीविंड के गांव कुल्ला का रहने वाला है. इसका गांव भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के नजदीक है. मोहाली और फरीदकोट की पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन चलाकर उसे फरीदकोट से गिरफ्तार किया. दरअसल माना जा रहा है कि इस हमले के पीछ पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा का हाथ है. पुलिस अब निशान सिंह से पाकिस्तान बैठे रिंदा से संपर्क के बारे में पूछताछ कर रही है. पंजाब की CM भगवंत मान सरकार ने हाल ही में एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स बनाकर गैंगस्टर्स के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू की है. निशान सिंह करीब डेढ़ महीने पहले ही जमानत पर बाहर आया था.

निशान सिंह का साला और एक अन्य भी गिरफ्तार

पूछताछ के बाद निशान के साले सोनू को भी अमृतसर से गिरफ्तार किया गया. मोहाली पुलिस ने इस केस में तरनतारन के गांव मेहंदीपुर के रहने वाले जगरूप सिंह को भी अरेस्ट किया गया है. उस पर पहले भी हत्या का केस दर्ज है. वह पैरोल पर बाहर है.