रायपुर। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर रायपुर मैट्स यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरों और छात्रों ने वर्चुअल योग किया. वर्चुअल योग का आयोजन यूनिवर्सिटी के शारीरिक शिक्षा विभाग ने किया. इस अवसर पर मैट्स यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति गजराज पगारिया, उपकुलपति प्रो. दीपिका ढांढ, कुलसचिव गोकुलानंदा पंडा सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक और विद्यार्थी वर्चुअल रूप से उपस्थित थे. इस अवसर पर कुलपति गजराज पगारिया ने योग के महत्व को रेखांकित करते हुए इसे अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाने के प्रति सभी को प्रेरित किया.

21 जून को ही क्यों मानते हैं अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

21 जून के दिन मनाने के पीछे एक खास वजह है. भारतीय संस्कृति के मुताबिक ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है. इस दिन उत्तरी गोलार्ध पर सबसे ज्यादा सूर्य की रोशनी पड़ती है. साल के 365 दिनों में से 21 जून साल का सबसे बड़ा दिन होता है. 21 जून के दिन सूर्य जल्दी उगता है और देरी से ढलता है. कहा जाता है कि इस दिन सूर्य का तप सबसे ज्यादा प्रभावी होता है. इसी वजह से 21 जून को इंटरनेशनल योगा डे’ के रूप पर मनाया जाता है.

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साल 2015 में मनाया गया पहला योग दिवस 

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने की शुरुआत सबसे पहले साल 2015 में हुई थी. 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UN) ने 21 जून को योग दिवस की घोषणा की थी. तब से भारत समेत पूरी दुनिया इस दिन को ‘विश्व योग दिवस’ के रूप में मनाती है.

योग का महत्व 

योग भारत की देन है, इसमें कोई दो राय नहीं है. योग एक ऐसा वरदान है जो अगर जिंदगी में आत्मसात कर लिया जाए, तो इंसान स्वस्थ्य रहने के साथ सकारात्मक ऊर्जा से भर उठता है. योग एक ऐसा विज्ञान है जो इंसान को मानसिक शारीरिक और भावनात्मक तौर पर मजबूत बनाता है. आधुनिक युग में तनाव और चिंता को कम करने के लिए योग रामबाण है. कहा जाता है कि’ करो योग रहो निरोग’ इस सिर्फ स्लोगन नहीं है बल्कि कई मायनों में सच भी है.

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