हिंदू धर्म में कुंडली और भाग्य को बहुत महत्व दिया गया है. कुंडली और भाग्य दोनों ही ग्रहों की दशा और चाल पर निर्भर करते हैं. आमतौर पर व्यक्ति के जीवन में कठिन समय तब आता है, जब कुंडली में शनि की दशा खराब होती है या शनिदेव का प्रकोप जातक पर होता है. ज्योतिष शास्त्र में इन ग्रहों को शांत करने और उन्हें मजबूत बनाने के उपाय भी बताए गए हैं. ऐसा ही एक उपाय है हाथों की उंगली में रत्न धारण करना. वहीं कुछ लोगों रत्न की जगह संबंधित ग्रहों का छल्ला (अंगूठी) भी उंगली में पहनते हैं. आज हम बात करेंगे शनिग्रह को महबूत करने वाले लोहे का छल्ला की.

किसे धारण करना है छल्ला ये ज्ञान जरूरी है

शास्त्रों में लोहे का संबंध शनि देव से बताया गया है. आपने बहुत सारे लोगों को लोहे का छल्ला पहनने देखा होगा. कई लोग नजर दोष और नकारात्मक शक्तियों से बचने के लिए भी उंगली में लोहे की अंगूठी या फिर छल्ला पहनते हैं. मगर शनि के प्रकोप और राहु-केतु की दृष्टि से बचने के लिए भी शास्त्रों में लोहे की अंगूठी को धारण करने का उपाय बताया गया है. शनि दोष को दूर करने के लिए कई लोग घोड़े की नाल की अंगूठी बनवा कर पहनते हैं. मगर लोहे की अंगूठी को कब और कैसे धारण करना चाहिए इस बारे में भी ज्ञान होना बहुत जरूरी है. Read More – नए साल से पहले विमान कंपनियों ने किराया दोगुना बढ़ाया …

लोहे की अंगूठी पहनने से क्या होता है

यदि आप पर शनि की ढैय्या, साढ़ेसाती, शनि की महादशा, राहु या केतु की महादशा चल रही है, तो लोहे की अंगूठी इसके प्रभाव को कम करती है. इसके साथ ही लोहे की अंगूठी आपको किसी भी तरह के नजर दोष से भी बचाती है.

लोहे की अंगूठी किस दिन पहननी चाहिए

सबसे पहले यह जान लें कि आपको लोहे की अंगूठी पहननी भी चाहिए या नहीं. लोहे की अंगूठी हमेशा शनिवार के दिन शाम के वक्त ही धारण करनी चाहिए. इसके अलावा आप रोहिणी, पुष्य, अनुराधा और उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में भी लोहे की अंगूठी पहन सकते हैं. Read more – Video : एयरपोर्ट पर स्पॉट किए गए Kiara Advani और Sidharth Malhotra, नए साल का जश्न मनाने निकला कपल!

लोहे की अंगूठी पहनने की विधि

लोहे की अंगूठी आप जिस दिन धारण कर रहे हैं, उस दिन इस बात का ध्यान रखें कि आप स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहने हैं और शनि देव के बीज मंत्र का उ’चारण करते हुए इसे पहनना है. इसके अलावा पुरुषों को अपने दाएं हाथ की बड़ी उंगली में इसे धारण करना चाहिए और महिलाओं को बाएं हाथ की मध्यमा उंगली में लोहे की अंगूठी पहननी चाहिए. आपको बता दें कि मध्यमा उंगली शनि की उंगली कहलाती है.

ये सावधानियां भी बरतें

कभी भी दूसरे की उतारी हुई लोहे की अंगूठी नहीं पहननी चाहिए. हमेशा आपको अपनी अलग लोहे की अंगूठी खरीद कर पहननी चाहिए. अगर आप किसी और की उतारी हुई लोहे की अंगूठी पहनते हैं, तो उसका असर नहीं होता है.

जब तक आपके ऊपर से मुसीबत टलती नहीं है, तब तक अंगूठी न उतारें और जैसे ही आपके ऊपर से बाधा हट जाती है, उस अंगूठी को बहते जल में प्रवाहित कर दें.

जब तक आपके ऊपर शनि या राहु-केतु का प्रकोप है, तब तक आपने जिस उंगली में लोहे का छल्ला धारण किया हुआ, उसमें किसी अन्य धातु की अंगूठी नहीं पहनें.