बीजापुर. एक महीने पहले पदोन्नत प्रधान पाठकों की पदस्थापना में मनमानी के आरोप के बाद अब शिक्षा विभाग के आला- अफसरों के साथ एरियस निर्धारण में गड़बड़ी का एक नया विवाद जुड़ गया है. विभाग की सूची में एक ही संस्था और एक ही कर्मचारी का नाम दो बार उल्लेख किया गया है. यही नहीं उक्त शिक्षक को एक बार 18,828 और दूसरी बार 9 लाख 88 हजार 665 रुपये भुगतान करने का आदेश जारी किया गया है. इसके अलावा सूची में और भी कई अनियमितताएं उजागर हो रही हैं.

पंचायत संवर्ग के एरियस भुगतान में भारी अनियमितता बरती गई है. सूची में एक ही शिक्षक का नाम सरल क्रमांक 126 और सरल क्रमांक 129 में दिया है. मजे की बात तो ये है कि एक बार राशि 18828 और दूसरे बार 9 लाख 88 हजार 665 दर्शाया गया है. अब कोई कल्पना भी नहीं कर सकता कि एक व्याख्याता पंचायत का 10 लाख से उपर एरियस मिल सकता है. यही नहीं ऐसे और भी 3 व्याख्याता पंचायत हैं जिन्हें 9-9 लाख से उपर एरियस भुगतान करने आदेश जारी हुआ है. वित्त मामले में भी किस कदर लापरवाही बरती जा रही है, यह सोचने वाली बात है. अधिकारी ने सूची का परीक्षण किए बगैर ही आदेश जारी किया है.

सरल क्रमांक 126 और 129

आदेश क्रमांक 333ए /मु का अ/ जं प/ शि क. नि/ 22 जुलाई 2008 के तहत सहायक शिक्षक पंचायत के पद पर कुल 34 लोगों की नियुक्ति जो व्यावसायिक परीक्षा मंडल से चयनित किए गए थे, भैरमगढ़ जनपद पंचायत की ओर से की गई. उक्त 2008 बैच के केवल एक महिला शिक्षक को 94,184 रुपये एरियस भुगतान का आदेश जारी किया गया है. जबकि एक ही आदेश में नियुक्ति तिथि से कार्यरत 10 शिक्षकों को 7,915 के मान से बकाया एरियस भुगतान करने का आदेश में उल्लेख है. 2008 से कार्यरत एक महिला शिक्षक को 94,184 रुपये भुगतान किया जा रहा है तो बाकि सहायक शिक्षकों का एरियस निर्धारण किस नियम के तहत 7,915 हो गया. जबकि जिन शिक्षकों को 7 हजार की मामूली रकम दी जा रही है उनमें से सरपंच पारा कोशलनार स्कूल में कार्यरत शिक्षक थलेश ठाकुर सेवा में आने से पहले ही MA राजनीति और बी.एड. की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली थी. इसी तरह युगल पटेल भी BSC और D.Ed. अहर्ता रखते थे.

नियमानुसार जो नियुक्ति तिथि से स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल करने वाले को ज्यादा एरियस भुगतान किया जाना चाहिए, पर यहां उल्टा हो रहा है. एरियस के त्रुटिपूर्ण निर्धारण से भैरमगढ़ ब्लॉक के 2008 बैच के सहायक शिक्षकों को भारी नुकसान हो रहा है. शिक्षकों ने नारजगी जाहिर करते तत्काल सही तरीके से एरियस भुगतान का निर्धारण करने की मांग की है. बताया जाता है कि वर्ष 2017, 18 और 2019 लगातार बीईओ भैरमगढ़ में एरियस भुगतान के लिए आवेदन मंगाए गए. इस दौरान संबंधित शाखा के लिपिक ने शिक्षकों से जमकर वसूली भी की, अब उक्त लिपिक ने अपना तबादला भैरमगढ़ से अन्यत्र करवा लिया है. जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से जारी सूची में एक नहीं कई तरह की गड़बड़ी है. एक व्याख्याता पंचायत का दो बार नाम उल्लेख है, राशि में भी अंतर है.

सरल क्रमांक 126 में 18828 रुपये और सरल क्रमांक 129 में 9 लाख 88 हजार 665 रुपये की भारी भरकम राशि का उल्लेख किया गया है. यही नहीं सरल क्रमांक 130 और 132 को भुगतान की जाने वाली रकम भी 9 लाख से उपर है. इस वजह से एरियस निर्धारण में गड़बड़ी से इंकार नहीं किया जा सकता. कुछ शिक्षकों को पर धन की बारिश हो रही है तो किसी के हिस्से में महज 7 हजार रुपये. विभाग को एरियस भुगतान के पिछले रिकॉर्ड को भी खंगालने की जरूरत है. इससे पूर्व कई लोगों को एरियस भुगतान किया भी जा चुका है.