रायपुर। नान घोटाला मामला सदन में गूंजा. पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने प्रश्नकाल में नान प्रकरण में शासन द्वारा निजी वकीलों की नियुक्ति का मामला उठाते हुए कहा कि अपूर्व कुरूप को निजी वकील बताया गया है, यह गलत जानकारी है. ये शासन का वकील है. एक भ्रष्ट अधिकारी को बचाने के लिए करोड़ों रुपए सरकार ने खर्च कर दिया. क्या महाधिवक्ता कार्यालय अक्षम है कि निजी वकीलों को बुलाना पड़ा.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि एसआईटी गठन किया गया कि सीएम मैडम, सीएम सर कौन है ये जानने के लिए. लोग अब तक जांच की मांग करते रहे लेकिन नेता प्रतिपक्ष जांच रोकने की मांग को लेकर पीआईएल लगाते है.देश के बड़े- बड़े वकील चार्टर्ड प्लेन से आये थे. उसका हिसाब लगाएंगे तो बहुत हो जाएगा. इनके कार्यकाल में एडवोकेट जनरल भी बाहर से बुलाया गया था. हमे बाहर से लाने की जरूरत नहीं पड़ी. रमन कार्यकाल में कितने वकील बाहर से आये उसकी पूरी सूची है. कितनी फीस दी गई उसकी भी सूची है. यह पहली बार नहीं हुआ पूर्व सरकार में भी बाहर के वकील बुलाये जाते रहे है.यह शासन स्तर पर फैसला लिया जाता है.

डॉ. रमन सिंह ने कहा कि  शासन ने अपने जवाब में बताया है कि हरीश साल्वे, रविन्द्र श्रीवास्तव, अपूर्व कुरूप अलग-अलग तारीखों में 5 बार जिरह किया है. जबकि इन्होंने हाईकोर्ट में जिरह किया ही नहीं. हरीश साल्वे, रविन्द्र श्रीवास्तव कभी हाईकोर्ट में कभी पहुंचे ही नहीं. सरासर गलत जवाब दिया गया. जब ये लोग आये ही नहीं तो जिरह कब की गई. विधानसभा को गलत जानकारी दी गई है.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि संशोधित जवाब दिया जा चुका है. दयन कृष्णन 26 फरवरी 2019, 12 मार्च 2019, 14 मार्च 2019 और 18 जुलाई 2019 को हाईकोर्ट में जिरह की, जिसके एवज में 80 लाख का भुगतान किया गया. डॉक्टर रमन सिंह ने पूछा कि दयन कृष्णन को दूसरे मामले में भी पैरवी कराई गई. आप सरकार का पैसा लुटाओ, उसमें हमें कुछ नहीं कहना है?

भूपेश बघेल ने डॉक्टर रमन सिंह की लुटाए जाने वाले शब्द पर कड़ी आपत्ति जताई. डॉक्टर रमन सिंह ने कहा, इतना उत्तेजित होने की जरूरत नहीं है. शांति से जवाब दीजिये. रमन ने कहा कि इस प्रश्न का जवाब पूरा सत्तापक्ष दे रहा है. मैं मुस्कुरा कर सामान्य प्रश्न पूछ रहा हूँ, इतना उत्तेजित होने की जरूरत नहीं है.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पूर्व की सरकार ने भी करोड़ो रुपये का भुगतान किया गया. इसमें कोई छिपाने वाली बात नहीं है. हमने भी वकीलों को भुगतान किया है. आपत्तिजनक है कि इसे लुटाया गया कहा जा रहा है. भूपेश बघेल ने कहा कि 15 सालों तक आपने छत्तीसगढ़ का हजारों करोड़ रुपये लुटाया है, इसका जवाब कौन देगा? विपक्षी सदस्यों ने आपत्ति जताई.

सत्तापक्ष- विपक्ष में हंगामा. बघेल ने कहा कि इसी नान घोटाले में जांच रोकने के लिए आपकी पार्टी के नेता प्रतिपक्ष पीआईएल लगाते हैं. बाहर से वकील बुलाते है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि पीआईएल लगाना हमारा अधिकार है, क्योंकि आपकी नियत ठीक नहीं थी.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि नान घोटाले मामले में जो डायरी जब्त हुई थी, उसमें सीएम मैडम, सीएम सर का नाम उल्लेखित है. इसकी जांच के लिए ही हमने एसआईटी का गठन किया था. संशोधित उत्तर दिया जा चुका है. आप जिस अरूप कुरूप की बात कर रहे हैं ये कौन है? वे निजी हैसियत से उपस्थित थे. नान घोटाले की जांच को आखिर विपक्ष क्यों रोकना चाहता है?