जशपुर। जशपुर के बगीचा में  कारगिल में शहीद प्रभु प्रकाश एक्का की स्मृति में लगाए गए 100 से ज्यादा पौधों को नगर पंचायत द्वारा उखाड़ फेंके जाने के बाद बवाल मच गया.  यहां के वार्ड क्रमांक 9 में कुछ दिन पहले वार्डवासियों ने शहीद की स्मृति में  100 से ज्यादा पौधे लगाए थे जिसे नगर पंचायत ने पूलिस का भय दिखाकर उखाड़ फेंका.

गर पंचायत दरअसल इस जमीन पर पूरे नगर का कचरा जमा करने का शेड बनाना चाहती है. लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस जमीन पर कचरा शेड बनाया जा रहा है वह जमीन आबादी और स्कूल के बिल्कुल नजदीक है. इससे न केबल आस पास की आबादी का जीना मुहाल हो जाएगा बल्कि संक्रामक बीमारियों का भी खतरा बढ जाएगा. लेकिन नगर पंचायत स्थानीय लोगों के विरोध के बावजूद यहां कचरा शेड बनाने पर आमादा है.

स्थानीय लोगो का कहना है कि नगर पंचायत द्वारा नगर के रिहायसी इलाके में कचरा शेड बनाने को लेकर न तो कोई प्रस्ताव पारित किया न ही स्थानीय वार्ड पार्षद की सहमति ली गयी उलटा जब नगरवासी इसका विरोध कर रहे हैं तो नगर पंचायत जबरिया निर्माण करने पर आमादा है.

कल देर शाम तक इस मसले पर स्थानीय लोग और जनप्रतिनिधियों की मैराथन बैठक हुई और बैठक के बाद यह फैसला लिया गया कि उक्त जमीन पर आज दुबारा सैंकड़ो महिला शहीद प्रभु प्रकाश एक्का की स्मृति में पौधे और शहीद के नाम की तख्तियां लगाएंगे. इस मसले पर अगुआई कर रहे जशपुर जिला पंचायत के सदस्य कृपा शंकर भगत ने बताया कि शहीदों के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाने वाली सरकार की कलई इनके ही अधिकारी खोल रहे है. अधिकारियों को किसी शहीद की शहादत और जनभावनाओं से कोई सरोकार नहीं है इसलिए शहीद के नाम की तख्ती और पौधों से ज्यादा उन्हें कचरा प्रेम है.

इस वार्ड की पार्षद आशा कुजूर का कहना है कि वार्ड पार्षद होने के नाते नगर पंचायत को उनकी सहमति लेनी थी लेकिन नही लिया गया ।पार्षद का कहना है कि हम यहां किसी भी सूरत में कचरा सेंटर नहीं बनने देंगे.

दूसरी और इस मामले में नगर पंचायत अध्यक्ष ललिता कोरवा का कहना है कि स्थानीय लोगो को गुमराह कर उन्हें भड़काया जा रहा है. दरअसल उक्त जमीन पर एसआरएनएम सेंटर बनाया जा रहा है. जहां नगर के कचरों की छंटाई की जाएगी. इसके लिए महिला समूह के लोगों को प्रशिक्षण भी दिए गए गये हैं. लल्लूराम  उन्होंने बताया कि जिस जमीन को लेकर विवाद हो रहा है उस जमीन का चयन  प्रशासन ने किया है जिसपर कुछ दिन पहले जबरिया पौधरोपण कर दिया गया था. जिसे प्रशासन के लोगों की उपस्थिति में उखाड़ फेका गया है.