रायपुर। छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के विधायकों की नाराजगी के बाद अमित जोगी की प्रतिक्रिया सामने आई है. अमित जोगी ने कहा कि राजनीति में मतभेद होना स्वाभाविक है, लेकिन उम्मीद करता हूँ कि वो इस मतभेद को मनभेद में नहीं बदलने देंगे.
अमित जोगी ने ट्वीट कर कहा कि बलौदाबाज़ार विधायक प्रमोद शर्मा मेरे भाई समान हैं. व्यक्तिगत रूप से मैं उनका सम्मान करता हूँ और आगे भी करता रहूँगा. उनके बोलने के पीछे आवाज़ दूसरे की है. राजनीति में मतभेद होना स्वाभाविक है किंतु मैं उम्मीद करता हूँ कि वे इस मतभेद को मनभेद में नहीं बदलने देंगे. इस कठिन दौर में ईश्वर हम सबको सदबुद्धि, संयम और साहस दें ताकि हम अपने व्यक्तिगत स्वार्थों से ऊपर उठकर छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा में अपना सब कुछ समर्पित कर सकें. इस विषय में मैं इस से अधिक कुछ और नहीं बोलूँगा. जय छत्तीसगढ़!
बलोदा बाज़ार विधायक श्री प्रमोद शर्मा मेरे भाई समान हैं।व्यक्तिगत रूप से में उनका सम्मान करता हूँ और आगे भी करता रहूँगा।उनके बोलने के पीछे आवाज़ दूसरे की है।राजनीति में मतभेद होना स्वाभाविक है किंतु मैं उम्मीद करता हूँ कि वे इस मतभेद को मनभेद में नहीं बदलने देंगे।इस कठिन दौर
— Amit Ajit Jogi (@amitjogi) November 17, 2020
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वहीं अमित जोगी पर किए गए कड़ी टिप्पणी पर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश प्रवक्ता भगवानू नायक ने कहा जोगी परिवार भस्म नहीं सृजन करता है, नेतृत्व करना सिखाता है, एक नई पहचान दिलाता है. इतिहास साक्षी है जोगी परिवार ने जिनके सिर पर हाथ रखा वो आज राजनीति के शिखर पर है, जिसका जीता जागता उदाहरण छत्तीसगढ़ के कई नेता, मंत्री, विधायक और अधिकारी है.
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भगवानू नायक ने कहा सत्ता के लोभ-प्रलोभ, राजनीतिक विद्वेष-वश और दुर्भावना पूर्वक विधायक प्रमोद शर्मा जिसे आज भस्मासुर कह रहे है यह मत भूले कि उसी नेता के सिर पर हाथ रखने से आज वो विधायक बने है, अगर विधायकी का इतना ही अहंकार है तो इस्तीफा देकर चुनाव लड़ ले पता चल जाएगा. भगवानू नायक ने कहा प्रमोद शर्मा के द्वारा जोगी परिवार के विरुद्ध की गई टिप्पणियां स्तर हीन और अमर्यादित है जो एक विधायक के गरिमा के विरुद्ध है और ऐसे शब्दों के लिए लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है.
बता दें कि जेसीसी-जे विधायक प्रमोद शर्मा और खैरागढ़ विधायक देवव्रत सिंह ने पार्टी द्वारा उनके खिलाफ विधायक इस्तीफा दो हस्ताक्षर अभियान चलाने जाने के निर्णय के बाद खुलकर नाराजगी जाहिर की थी.