पटना। जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव 2025 नजदीक आ रहे हैं राजनीतिक दलों की बयानबाजी तेज होती जा रही है। एनडीए के नेताओं ने महागठबंधन यानी INDIA गठबंधन पर सीधा हमला बोलते हुए उसे अस्थिर, अवसरवादी और बिखरा हुआ बताया है।
महागठबंधन के भीतर तालमेल खत्म हो चुका
जेडीयू नेता राजीव रंजन प्रसाद ने तीखा बयान देते हुए कहा कि महागठबंधन का अब कोई अस्तित्व नहीं बचा है। उन्होंने दावा किया कि लगभग 15 सीटों पर खुद गठबंधन के दल आपस में भिड़े हुए हैं। उन्होंने मुकेश सहनी का उदाहरण देते हुए कहा कि जिन सीटों पर सहनी चुनाव लड़ना चाहते थे, वहां आरजेडी ने अपने उम्मीदवार खड़े कर दिए हैं, जबकि लालू यादव की ओर से लिखे गए पत्र का भी कोई असर नहीं पड़ा। राजीव रंजन ने इसे स्पष्ट संकेत बताया कि महागठबंधन के भीतर तालमेल खत्म हो चुका है।
एनडीए के लिए एकतरफा मुकाबला
उन्होंने लालू और तेजस्वी यादव पर भी हमला बोला और कहा कि इनके ऊपर भ्रष्टाचार के गंभीर मामले चल रहे हैं और “जंगलराज” की छाया अब भी उनके साथ है। उन्होंने दावा किया कि यह चुनाव एनडीए के लिए एकतरफा मुकाबला है और जनता इसे बखूबी समझ रही है।
पूरे राज्य में एनडीए के पक्ष में लहर
बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने भी इसी बात को दोहराते हुए कहा कि नीतीश कुमार का प्रचार अभियान जोर पकड़ चुका है और जनता में उनके काम को लेकर सकारात्मक रुझान है। उन्होंने कहा कि कांटी और मीनापुर जैसे क्षेत्रों में प्रचार की शुरुआत हो चुकी है, और पूरे राज्य में एनडीए के पक्ष में लहर है।
टूट चुका है महा गठबंधन
महागठबंधन की स्थिति पर अशोक चौधरी ने चुटकी लेते हुए कहा कि जो लोग इतने समय से साथ काम करने का अभ्यास कर रहे थे, अब वो चुनाव के समय “मैत्रीपूर्ण प्रतियोगिता” की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह केवल एक बहाना है, सच्चाई यह है कि गठबंधन टूट चुका है और अंदरुनी मतभेद खुलकर सामने आ चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राजद कभी कांग्रेस के प्रति ईमानदार नहीं रही इसलिए महागठबंधन की नींव ही कमजोर है। गया में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि महागठबंधन के सारे घटक दल केवल अपने निजी स्वार्थ के कारण साथ आए थे और जब स्वार्थ टकराता है तो मतभेद होना तय है। उन्होंने पूछा कि अगर ये दल चुनाव में ही एक नहीं हो पा रहे हैं, तो क्या वे सरकार चला पाएंगे? मांझी ने कहा कि इस तरह की अस्थिर सरकार राज्य का विकास नहीं कर सकती। उन्होंने दावा किया कि केवल एनडीए ही स्थायी सरकार दे सकता है जो राज्य और देश की सेवा कर सके। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार ने पहले भी राज्य को विकास की दिशा में आगे बढ़ाया है और अब फिर ऐसा ही होगा।
जनता किसके पक्ष में निर्णय देती है
इन तीखे बयानों से साफ है कि एनडीए पूरे आत्मविश्वास के साथ चुनावी मैदान में उतर चुका है और महागठबंधन की आपसी खींचतान को जनता के सामने उजागर करने की कोशिश कर रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता किसके पक्ष में निर्णय देती है।
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें