नीलेश भानपुरिया, झाबुआ। झाबुआ से बीजेपी सांसद गुमान सिंह डामोर को जबलपुर हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। उच्च न्यायालय ने 600 करोड़ रुपये के पीएचई विभाग के झूठे परिवाद में उन्हें दोषमुक्त कर दिया है। बता दें कि 8 दिसंबर 2021 को धर्मेंद्र शुक्ला ने अलीराजपुर जेम एफ सी कोर्ट में सांसद गुमान सिंह सहित कलेक्टर गणेश मिश्रा व 2 अन्य व्यक्तियों सहित कुल 4 व्यक्तियों पर पीएचई विभाग में आर्थिक अनियमितता के बड़े घोटाले का परिवाद प्रस्तुत किया था। सांसद व अन्य ने अलीराजपुर प्रकरण को चुनौती देते हुए इंदौर खंडपीठ ने 2021 में परिवाद पर रोक लगाई थी। 

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वहीं 18 अप्रैल 2023 को जबलपुर उच्च न्यायालय ने परिवाद प्रस्तुत करने वाले धर्मेंद्र शुक्ला के विरुद्ध 25 हजार रुपये से अर्थ दंडित करते हुए पूर्व कलेक्टर गणेश मिश्रा सांसद गुमान सिंह डामोर एवं अन्य 2 व्यक्ति को दोषमुक्त कर दिया है। सांसद गुमान सिंह डामोर ने झाबुआ स्थित कार्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये जानकारी दी है।

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पीएचई विभाग में 600 करोड़ रुपए के घोटाले का लगा था आरोप 

झाबुआ के सांसद गुमान सिंह डामोर राजनीति में आने से पहले अलीराजपुर में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी में अभियंता थे। गौरतलब है कि सांसद गुमान सिंह डामोर पर हैंडपंप घोटाले में 600 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगा था। शिकायत में कहा गया था कि गुमान सिंह डामोर के अभियंता रहते हुए अलीराजपुर में 500 गांव में 600 करोड़ रुपए के हैंडपंप लगने थे लेकिन यह हैंडपंप कागजों में तो लग गए लेकिन जमीन पर नहीं लग पाए लेकिन सरकारी पैसा निकाल लिया गया। 

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