शैलेन्द्र पाठक, बिलासपुर। झीरमघाटी हत्याकांड मामले में न्यायिक जांच आयोग के सामने शुक्रवार को तीन गवाहों का प्रतिपरीक्षण हुआ. जिसमें उन्होंने सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए. इसके साथ ही आईएएस अधिकारी एलेक्स पॉल मेनन अपहरण कांड से झीरम कांड के तार जुड़े होने का खुलासा भी किया. वहीं दो अन्य लोगों ने भी आयोग के सामने शपथ पत्र प्रस्तुत किया है. आयोग ने अब अगली सुनवाई की तिथि 1 अक्टूबर तय की है.

कांग्रेस के अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ने लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में बताया कि शुक्रवार को आयोग के सामने कांग्रेस नेता चंद्रभान झाड़ी, अवधेश गौतम और सत्तार अली आयोग के सामने पेश हुए. तीनों नेताओं ने पिछली सुनवाई में आयोग के सामने शपथ पत्र प्रस्तुत किया था. अपनी गवाही में तीनों नेताओं ने अलग-अलग शब्दों में कहा है कि महेन्द्र कर्मा को जेड प्लस के जितनी सुरक्षा मिली थी उतनी घटना के दौरान नहीं थी. उन्होंने उदाहरण देकर बताया कि नंदकुमार पटेल जब 2012 में बीजापुर गए थे झारसागुड़ा जाते समय, उनको भी उतनी सुरक्षा भी झीरम में नहीं दी गई थी. कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन का जो अपहरण कांड हुआ था उसमें महेन्द्र कर्मा ने उन्हें खुद बताया था कि इसमें कोई बड़ी डील हुई है जिससे उन्हें जान का खतरा है. रिहाई को लेकर जो डील हुई थी कि सलवा जुडूम से जुड़े लोगों को ज्यादा सुरक्षा नहीं दी जाएगी. क्योंकि सलवा जुडूम की वजह से नक्सली परेशान थी. कर्मा जी ने मेनन की रिहाई के बाद प्रेस कान्फ्रेंस लेकर भी ये आरोप लगाए थे. सरकार का नक्सलियों के साथ गुप्त समझौता हुआ था.

तीनों गवाहों से जब पूछा गया कि क्या वे इसके प्रत्यक्षदर्शी हैं लेकिन उन्होंने कहा कि वे प्रत्यक्षदर्शी नहीं थे लेकिन उन्हें कर्मा जी ने बताया था. अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ने बताया कि मामले में अगली सुनवाई 1 अक्टूबर को होगी. नए जांच बिंदु पर जिसको भी शपथ पत्र देना है 1 अक्टूबर तक दे सकते हैं, उसके बाद स्वीकार नहीं किये जाएंगे. उन्होंने बताया कि आज पीसीसी के सचिव विवेक बाजपेयी और नंद कुमार पटेल के ड्राइवर रहे दीपक वर्मा की तरफ से भी आयोग के सामने शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है. जिसमें 1 अक्टूबर को प्रतिपरीक्षण किया जाएगा.