देश 5जी की दौर में प्रवेश कर चुका है. ऐसे में हर व्यक्ति के मन में 5G को लेकर कुछ ना कुछ सवाल है. अगर आप भी 5जी के बारे में सब कुछ जानना चाहते हैं तो यह खबर आपके लिए है. आपको बता दें कि जिओ ने 4 प्रमुख शहरों में 5G लॉन्च कर दिया है. एयरटेल भी 11 अक्टूबर को 5G लॉन्च करने वाला है. जानकारी के अनुसार पूरे देश में एक साथ 5G लॉन्च नहीं होगा. चरणबद्ध तरीके से 2023 तक पूरे देश में लॉन्च करने की योजना है.

जानिए क्या है standalone 5G और non-standalone 5G
नॉन स्टैंडअलोन 5G का मतलब 4G इंफ्रास्ट्रक्चर को इस्तेमाल करते हुए जो 5G नेटवर्क सर्विस दिया जाएगा. स्टैंडअलोन 5G का मतलब 5जी सर्विस के लिए स्वतंत्र रूप से नए इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण किए जाएंगे. यानी कि जो पूरी तरह से 5G नेटवर्क और असली 5G कहलाएगा. इसी श्रृंखला में इंडिया मोबाइल कांग्रेस में जिओ ने घोषणा की है कि कंपनी स्टैंडअलोन 5G सर्विस प्रोवाइड करने वाली है. वोडाफोन आइडिया एयरटेल नॉन स्टैंड अलोन 5G सर्विस प्रोवाइड करने वाले हैं. यह कंपनियां पुराने 4G इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल करते हुए 5जी सर्विस अपग्रेड करेंगे.


क्या है 5G band spectrum?
यह रेडियो फ्रिकवेंसी की रेंज होती है, जिससे कवरेज और स्पीड मुहैया की जाती है. आम भाषा में समझाएं तो न्यूनतम फ्रिकवेंसी (700, 800 और 900 मेगाहर्ट्ज) का मतलब ज्यादा कवरेज लेकिन कम स्पीड, उच्चतम फ्रिकवेंसी (2100, 2300 मेगाहर्ट्ज) का मतलब ज्यादा स्पीड लेकिन कवरेज कम रहेगा.हाल ही में सरकार ने 10 बैंड में स्पेक्ट्रम की पेशकश की थी, लेकिन 600 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज और 2300 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम के लिए कोई बोली नहीं मिली.

वहीं लगभग दो-तिहाई बोलियां 5G बैंड (3300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज) के लिए थीं, जबकि एक-चौथाई से अधिक मांग 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में आई. अब सवाल आता है कि आपको 5G किस कीमत पर मिलेगा. जिओ के मुताबिक 4G और 5G का प्लान अलग होगा. यदि अभी आपको 4G 300 रुपए में प्रतिदिन डेढ़ जीबी डाटा उपलब्ध करा रहा है तो 5G के लिए आपको ज्यादा पे करना पड़ सकता है.