MP Budget Session: एमपी बजट सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार कर अपनी ही पार्टी में अलग-थलग पड़े कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी (
Congress MLA Jitu Patwari
) ने आखिरकार सरेंडर कर दिया है। बजट सत्र के दूसरे दिन जीतू पटवारी विधानसभा पहुंचे। यहां पटवारी ने अपने तेवर नरम करते हुए कहा कि कमलनाथ के निर्देशों का पालन करूंगा, मैं पैरों की धूल हूं।

राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। एमपी बजट सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार कर चर्चा में आए कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के तेवर नरम पड़ गए हैं। पटवारी बजट सत्र के दूसरे दिन विधानसभा पहुंचे। यहां जीतू पटवारी ने अपना पक्ष रखा। पटवारी ने कहा कि कमलनाथ के निर्देशों का अक्षरशः पालन करूंगा। कामलनाथ जब तक मुख्यमंत्री नहीं बनते मैं सरकार से लड़ता रहूंगा। कामलनाथ मेरे नेता थे, मेरे नेता हैं और मेरे नेता रहेंगे। मैं कमलनाथ के पैरों की धूल हूं।

वहीं जीतू पटवारी के मामले को लेकर बीजेपी ने एक बार फिर से कांग्रेस पर निशाना साधा है। परिवहन मंत्री गोविंद सिंह (Transport Minister Govind Singh) ने कहा कि कांग्रेस की गुटबाजी सड़क के बाद अब विधानसभा में देखने को मिल रही है। चोरी और सीना जोरी हो रही है। कांग्रेस में जंग की शुरुआत हो चुकी है। विधानसभा चुनाव नजदीक आते-आते कांग्रेस की जंग और बढ़ेगी।

पटवारी ने कहा कि मुझसे पहले 13 बार राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार हुआ है। देश में राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार हुआ है। हम अलग अलग तरीके से सरकार के काम तौलते हैं। मध्यप्रदेश में नई शराब की दुकानें खोल दीं। शराब सस्ती कर दी। इसका मैं और मेरी पार्टी विरोध करती है। मप्र में हर महिला पर औसत 48 हजार रुपए का कर्ज है। मप्र महिला अपराध में नम्बर वन है। आदिवासी महिलाओं के अपहरण में नम्बर वन है। ऐसे में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकार सजग हो।

जानिए क्या है पूरा मामला

बता दें कि एमपी बजट सत्र 7 मार्च से शुरू हो गया है। सत्र के पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण का कांग्रेस विधायत जीतू पटवारी ने विरोध करते हुए बहिष्कार कर दिया था। इसे लेकर बीजेपी ने करारा हमला किया था। जीतू के इस फैसले से पीसीसी चीफ कमलनाथ समेत सभी कांग्रेस विधायकों ने किनारा कर लिया था। कमलनाथ ने खुद इसके लिए जीतू को लताड़ लगाई थी। संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सदन में जीतू पटवारी के राज्यपाल अभिभाषण बहिष्कार का मुद्दा उठाया था। नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष इस सम्बंध में स्थिति साफ करें। कमलनाथ ने सदन में कहा कि मैं ट्वीट से सहमत नहीं हूं। कमलनाथ बोले मैं इस विषय से सहमत हूं कि सदन की गरिमा की जिम्मेदारी सबकी रही है। ये परम्परा बनाए रखना चाहिए। ये हमारी पार्टी का फैसला नहीं था, मैं ट्वीट से सहमत नहीं हूं।

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