सदी के महानायक अभिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए पर्यावरण कार्यकर्ता और छत्तीसगढ़ राज्य अलंकरण से सम्मानित पत्रकार रोमशंकर यादव को कौन बनेगा करोड़पति के मंच में सम्मानित किया गया है. केबीसी के इस सीजन में पूरे भारत वर्ष से 10 लोगों का फोर्स फॉर गुड हीरोस के रूप में चयन किया है, इनमें से एक रोमशंकर का नाम भी शामिल है. इस दौरान 27 वर्षो से पर्यावरण के लिए किए जा रहे कार्य के लिए रोमशंकर को आदित्य बिरला ग्रुप की ओर से फोर्स फॉर गुड हीरोस के रूप में अभिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने स्मृति चिन्ह प्रदान किया. साथ ही एक्टर ने केबीसी के मंच से रोमशंकर द्वारा जन्मदिन, मांगलिक अवसरों पर पौधरोपण व पौधे भेंट करने चलाए जा रहे मुहिम की सराहना करते हुए पर्यावरण संरक्षण के लिए एक्टर ने स्वयं भी इसे आगे बढ़ाने का ऐलान किया है.

बता दें कि अभिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने कहा कि पर्यावरण के संरक्षण के लिए वे स्वयं भी अब रोमशंकर यादव की तरह अपने जन्मदिन पर पौधरोपण करेंगे और लोगों को मांगलिक अवसरों पर पौधे भेंट करेंगे. अमिताभ द्वारा पर्यावरण संरक्षण की प्रेरणा को लेकर पूछे गए सवाल पर यादव ने कहा कि उन्हें वैसे बचपन से पेड़ पौधों से लगाव रहा है, लेकिन वे पर्यावरण की रिपोर्टिंग करते-करते पर्यावरण कार्यकर्ता बने हैं. वे पर्यावरण प्रेमी स्व गैंदलाल देशमुख और मरौदा डेम के आसपास पेड़ों की कटाई पर लगातार रिपोर्ट लेखन कर रहे थे, तब उन्हें लगा कि एक बुजुर्ग स्व-गैंदलाल देशमुख ने स्वयं पौधे रोपकर 5 एकड़ बंजर जमीन को जंगल बना दिया.
वहीं दूसरी ओर ग्राम डुन्डेरा व मरौदा डेम के आसपास बीएसपी द्वारा 18 करोड़ की लागत से लगाए गए 10 लाख पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो रही थी, रोज यहां हजारों की संख्या में पेड़ कांटे जा रहे थे, तब लगा कि एक बुजुर्ग बंजर को जंगल बना सकता हैं, तो वे युवा होकर अपने पास पहले से मौजूद जंगल को क्यों नहीं बचा सकते. जिसके बाद फिर उन्होंने यहीं से मरौदा डेम के आसपास लगे पेड़ों को बचाने मुहिम शुरू कर दी. उनकी इस मुहिम में ज्ञानप्रकाश साहू, प्रेमनारायण वर्मा, सरोज साहू, राजेश चंद्राकर, विश्वकुमार साहू सहित अनेक युवा जुड़ गए. जिन्हें लेकर उन्होंने हितवा संगवारी नामक संगठन बनाया और तब से अब तक यहाँ लगाए लगभग साढ़े छः लाख पेड़ों को कटने से बचा कर रखे हैं. इसके अलावा उनके प्रयासों से लगभग दो लाख नए पेड़ तैयार हुए इस तरह कुल साढ़े आठ लाख पेड़ों को संरक्षित कर रखे गए है.
बता दें कि अभिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने उनके द्वारा खारून नदी तट पर लगभग ढाई सौ किमी पदयात्रा पर भी चर्चा की साथ ही उनके पर्यावरण संरक्षण कार्य से लोगो को जोड़ने के प्रश्न पर रोमशंकर यादव ने कहा कि उनका मानना है. पेड़ लगाने व इसकी रक्षा करना सबसे निःस्वार्थ पूजा है, जब व्यक्ति पूजा करता है तो खुद व परिजनों की समृद्धि की कामना करता है. गर दुश्मन है तो उनके लिए प्रार्थना नहीं करता मगर पेड़ लगाने से यह अपने साथ समस्त प्राणियों को बिना भेदभाव किए आक्सीजन देता है. यहां तक दुश्मन भी हो तो उन्हें आक्सीजन मिलेगा इसलिए भी हम सबको पौधरोपण करना चाहिए.
पत्रकार रोमशंकर यादव ने कहा कि हमें अपने लिए अमेजन के जंगलो से नहीं बल्कि आसपास के पेड़ों से ऑक्सीजन मिलेगा. इसलिए आसपास लगे पेड़ों को बचाने के साथ पेड़ लगाना जरूरी है. यदि हर व्यक्ति अपने जन्मदिन व शादी, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक अवसरों पर ही एक पौधे रोपित कर संरक्षित कर ले तो पूरे भारत में हरियाली आ सकती है. यादव ने केबीसी के मंच से सरकार से भी अपील किया कि शासकीय पौधरोपण के दौरान यदि अलग-अलग पेच में एक ही प्रकार के फलदार पौधे रोपे जाए, तो यह पेड़ बनने के बाद उत्पादक चीज में निवेश के साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए भी कारगर साबित होगा.
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