देशभर में आज काल भैरव जयंती मनाई जा रही है. मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को काल भैरव जयंती मनाते हैं. रुद्रावतार काल भैरव सभी दुखों को दूर करने वाले और अपने भक्तों को सुरक्षा और अभय प्रदान करने वाले हैं. ये तंत्र-मंत्र के भी देवता हैं. इनकी पूजा निशिता काल में की जाती है. इनकी सवारी कुत्ता है और इनका स्वरूप विकराल और भयानक है.

ये हैं अचूक उपाय

काल भैरव को नींबू की माला या 11 नींबू चढ़ाएं. ऐसा करने से बाबा काल भैरव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामना पूरी करते हैं. Read More – Video : ये हैं Pt. Pradeep Mishra के कुछ सरल उपाय और टोटके, दुकान पर लग जाएगी ग्राहकों की लाइन बस कर लें यह काम …

कुंडली में ग्रह दोष

सवा मीटर काला कपड़े में सवा किलो काले उड़द, सवा किलो काले तिल और 11 या 21 रुपए रखकर इसकी पोटली बनाकर भगवान काल भैरव के मंदिर में अर्पित करें. कुंडली के सभी ग्रह दोष दूर हो जाएंगे.

दुश्मान भगेंगे दूर

काले कुत्ते को गुड़ और रोटी खिलाएं. काल भैरव मंदिर में बाबा को अबीर, गुलाल, चावल, नीले फूल और सरसों का तेल चढ़ाएं. दुश्मन कोसों दूर भागते नजर आएंगे. Read More – Deepika-Ranveer 5th Anniversary : ऐसी शुरू हुई थी इनकी Love Story, एक्टर ने बताया कैसी थी पहली मुलाकात …

ये उपाय भी आएंगे आपके काम

  • भैरव बाबा को प्रसन्न करने के लिए शनिवार के दिन अपने शहर के किसी ऐसे भैरव मंदिर को ढूंढे, जहाँ लोगों ने पूजा करना लगभग छोड़ दिया हो. उसके बाद रविवार के दिन सुबह जल्दी जाकर मंदिर में सिंदूर, तेल, नारियल, पुए और जलेबी भैरव बाबा को चढ़ाकर उनका पूजन करें.
  • शनिवार के दिन सरसों के तेल में पापड़, पकौड़े, पुए आदि चीजे बनाकर रविवार के दिन किसी गरीब की बस्ती में जाकर बांट आएं. ऐसा करने से काल भैरव अधिक प्रसन्न होते हैं.
  • शुक्रवार या रविवार के दिन भैरव मंदिर में गुलाब, चन्दन या गूगल की 3-3 खुशबूदार अगरबत्तियां जलाएं. बाबा प्रसन्न होंगे.
  • काल भैरव को खुश करने के लिए रविवार, बुधवार या गुरुवार किसी भी दिन एक रोटी ले और उस पर अपनी तर्जनी और मध्यमा अंगुली को तेल में डुबोकर एक लाइन बनाएं. फिर यह रोटी किसी दो रंग वाले कुत्ते को खिलाएं. आने वाली बाधाएं दूर हो जाएंगी.
  • हर गुरुवार को कुत्ते को गुड़ खिलाने से भी काल भैरव प्रसन्न होते हैं.
  • शनिवार की रात को सरसों के तेल में उडद की दाल के पकोड़े बनाएं और रात भर उन्हें ढक कर रख दे. अगली सुबह जल्दी उठकर सुबह 6 से 7 बजे के बीच किसी से कुछ कहे बिना घर से निकले और राह में मिलने वाले सबसे पहले कुत्ते को यह पकोड़े खिला दे. भैरव नाथ खुश होंगे.