Kalashtami Vrat Shubh Muhurat : सावन माह में आने वाली सभी तिथियों और व्रत का विशेष महत्व बताया गया है. वहीं सावन में पड़ने वाली कालाष्टमी तिथि को उत्तम फलदायी माना गया है. ऐसा कहा जाता है कि कालाष्टमी तिथि के दिन कालभैरव बाबा की पूजा विधिवत रूप से करने से व्यक्ति के जीवन में चल रही सभी परेशानियां दूर हो जाती है और ग्रहदोषों से भी छुटकारा मिल सकता है.
पंचांग के अनुसार, श्रावण माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का प्रारंभ 27 जुलाई शनिवार को रात 9 बजकर 19 मिनट से हो रहा है. इस तिथि का समापन 28 जुलाई रविवार को शाम 7 बजकर 27 मिनट पर होगा. इस साल सावन का मासिक कालाष्टमी व्रत 27 जुलाई को रखा जाएगा क्योंकि उस रात को ही पूजा का मुहूर्त प्राप्त हो रहा है.
शुभ मुहूर्त (Kalashtami Vrat Shubh Muhurat)
सावन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 27 जुलाई को रात 09 बजकर 19 मिनट पर शुरू होगी. वहीं, इस तिथि का समापन 28 जुलाई को शाम 07 बजकर 27 मिनट पर होगा.
शिववास और रवि योग का संयोग
कालाष्टमी पर मंगलकारी धृति योग का निर्माण हो रहा है. इस योग का निर्माण देर रात 10 बजकर 44 मिनट तक है. इस शुभ योग में काल भैरव देव की पूजा उपासना कर सकते हैं. सावन कालाष्टमी पर रवि योग का भी संयोग बन रहा है. रवि योग दोपहर 01 बजे तक है. इस दिन अभिजीत मुहूर्त 12 बजकर 07 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजे तक है.साथ ही कालाष्टमी पर शिववास योग भी बन रहा है. इस दिन भगवान शिव कैलाश पर जगत जननी आदिशक्ति मां पार्वती के साथ रहेंगे. इस समय में भगवान शिव की पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आती है. शिववास योग का निर्माण रात 09 बजकर 19 मिनट से हो रहा है.
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