सुप्रिया पांडेय, रायपुर। राजधानी रायपुर में धर्म संसद-2021 का आयोजन किया गया है. इसमें कई राज्यों से साधु संत पहुंचे हुए थे. इस दौरान उनके बयानों को लेकर बवाल मच गया है. साधु और संतों में जुबानी जंग छिड़ गई है. महाराष्ट्र से आए संत कालीचरण ने मंच से महात्मा गांधी को गालियां दीं है, जिससे महंत राम सुंदर दास अपशब्द कहने पर भड़क गए. उन्होंने कहा कि  मैं इस धर्म संसद से खुद को अलग करता हूं.

दरअसल,  धर्म संसद में कालीचरण ने  मोहनदास करमचंद गांधी पर विवादित बयान दिया है. कालीचरण ने महात्मा गांधी के लिए अपशब्द का प्रयोग करते हुए गोडसे को प्रणाम किया. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की वजह से देश का विभाजन हुआ, गोडसे को नमस्कार है कि उन्होंने महात्मा गांधी को गोली मार दी. उनको मार डाला.

वहीं उन्होंने कहा कि इस्लाम का मकसद राजनीति के जरिए राष्ट्र पर कब्जा करना है. 1947 में हमने अपनी आंखों से देखा कि कैसे पाकिस्तान और बांग्लादेश पर इस्लामाबाद ने कब्जा किया. मोहनदास करमचंद गांधी ने उस वक्त देश का सत्यानाश किया. कालीचरण ने अपने विवादित बोल में कहा कि गांधी…ह…मी…थे..

इस बयान के बाद धर्म संसद में हंगामा मच गया.  महंत राम सुंदर दास ने इसका विरोध किया. उन्होंने कहा कि क्या महात्मा गांधी सही में ग…र थे, बिल्कुल नहीं उन्होंने खुद को देश के प्रति समर्पित किया था, महात्मा गांधी के विषय में बहुत ही अपमान जनक बातें कही गई, जो अशोभनीय है, मैं इस धर्म संसद से खुद को अलग करता हूं.

उन्होंने कहा कि मुझे धर्म संसद का मूल संरक्षक बनाया गया था, लेकिन मैं अपने आप को इस धर्म संसद से पृथक करता हूं. इस धर्म संसद का मंथन कुछ भी नहीं निकला, संतों का काम अपशब्द कहना नहीं है, लोगों को सनातन धर्म के प्रति जागरूक करना है. महंत रामसुंदर दास ने धर्म संसद का बॉयकॉट किया. धर्मसंसद में आए दूसरे संतों ने बॉयकॉट को संतों का अपमान बताया.

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