Karnataka Election 2023: कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnatak Election 2023) की तारीखों का ऐलान हो गया है. चुनाव आयोग ने 10 मई को मतदान कराने का फैसला लिया है. वहीं चुनाव के नतीजे 13 मई को आएंगे. ऐसे में सभी पार्टियां चुनावी तैयारी में जुट गई हैं. वहीं कर्नाटक चुनाव (Karnatak Election) में 4 दशक से रिवाज रहा है कि, कोई भी सरकार दोबार रिपीट नहीं हुई है. फिलहाल कर्नाटक में भाजपा की सरकार है. ऐसे में रिवाज के हिसाब से इस बार सत्ता परिवर्तन होने के आसार जताए जा रहे हैं. अगर रिवाज नहीं बदला तो कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बन सकती है.

बता दें कि, 224 विधानसभा सीट वाला कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2024 लोकसभा चुनाव से काफी अहम माना जा रहा है. ये चुनाव भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए चैलेंजिंग रहने वाला है. भाजपा के सामने सत्ता बचाने का चुनौती है. वहीं कांग्रेस के सामने सत्ता वापसी की चुनौती है. बीजेपी बसवराज बोम्मई का चेहरे के भरोसे चुनावी मैदान पर फाइट करती नजर आने वाली है. वहीं कांग्रेस डीके शिवकुमार और सिद्धरमैया की जोड़ी के सहारे सत्ता की गद्दी हासिल करना चाहती है. जेडीएस कुमारस्वामी के भरोसे चुनावी जंग में जीत हासिल करना चाह रही है.

सत्ता बदलाव का रिवाज

राज्य में पिछले 38 सालों के चुनावी इतिहास को देखें तो सत्ता में रहने वाली पार्टी कभी भी दोबारा सरकार बनाने में कामयाब नहीं रही है. इतना ही नहीं, 2013 को छोड़कर केंद्र में रहने वाली सत्तारूढ़ दल कभी भी राज्य में बहुमत का आंकड़ा भी हासिल नहीं कर सकी है. राजस्थान और हिमाचल की तरह ही कर्नाटक उन राज्यों में शुमार है, जहां हर पांच साल पर सरकारें बदल दी जाती हैं. 1985 के बाद से जनता कर्नाटक में 5 साल बाद किसी भी सत्ताधारी पार्टी को दोबारा मौका नहीं देती है.

2013 में कांग्रेस को मिला पूर्ण बहुमत

2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 122 सीट मिली थी, जबकि बीजेपी और जेडीएस के हिस्से में 40-40 सीटें ही आ सकी थी. इस चुनाव में बीएस येदियुरप्पा बीजेपी से बगावत कर अपनी अलग पार्टी बनाकर चुनाव लड़े थे, जिससे बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ा था और कांग्रेस को फायदा मिला. कांग्रेस के दिग्गज नेता सिद्धारमैया मुख्यमंत्री बने थे. कर्नाटक के सियासी इतिहास में चार दशक में पहली बार था, जब केंद्र की सत्ताधारी दल राज्य में बहुमत का आंकड़ा हासिल करने में कामयाब रही थी.