नई दिल्ली। दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों में विश्व स्तर के 4 सिटी फॉरेस्ट विकसित किए जाएंगे. यह सिटी फॉरेस्ट ‘प्रकृति के पास, परिवार के साथ’ की थीम पर आधारित होंगे और इन्हें 286 एकड़ भूमि पर विकसित किया जाएगा. अंतर्राष्ट्रीय स्तर के सिटी फॉरेस्ट दिल्ली के जिन इलाकों में विकसित किए जाने हैं, उनमें दक्षिणी-पश्चिमी दिल्ली का मित्राऊ सिटी फॉरेस्ट, उत्तरी दिल्ली का अलीपुर सिटी फॉरेस्ट, पूर्वी दिल्ली का गढ़ी मांडू सिटी फॉरेस्ट और दक्षिण दिल्ली का जौनापुर सिटी फॉरेस्ट शामिल है. इन चारों सिटी फॉरेस्ट का पर्यावरण के अनुकूल विकास किया जाएगा. इसके तहत उनकी भौतिक संरचना के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी. इन सिटी फॉरेस्ट में आम आदमी के लिए मुरम पाथ, पेयजल, सार्वजनिक सुविधाएं, मेडिटेशन हट, एम्पीथियेटर जैसी सुविधाएं तो मौजूद होंगी ही, साथ ही रिसर्च करने के लिए और उनके आधार पर सिटी फॉरेस्ट को और बेहतर बनाने के लिए ओपन म्यूजियम या लिविंग लैब के रूप में उसे विकसित किया जाएगा.

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सभी लोगों को मुफ्त में वितरित किए जाएंगे पौधे

इन सिटी फॉरेस्ट में छोटी-छोटी नर्सरी के द्वारा सभी लोगों को मुफ्त में पौधे भी वितरित किए जाएंगे. आउटडोर एक्टिविटीज जैसे बर्ड वॉचिंग, जंगल वॉक एक्टिविटी भी शामिल है, साथ ही पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए सिटी फॉरेस्ट में एक्टिविटी करने और कराने वालों को एक कॉमन प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने के लिए ऑनलाइन पोर्टल का विकास भी किया जाएगा. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि समर एक्शन प्लान के सभी 14 बिंदुओं में से एक दिल्ली के सिटी फॉरेस्ट को विकसित करना हैं. दिल्ली के चारों कोनों में मौजूद मुख्य 4 सिटी फॉरेस्ट को पहले प्रारंभिक फेज में विकसित करने का लक्ष्य तय किया गया है. इनमें दक्षिण-पश्चिम दिल्ली का मित्राऊ सिटी फॉरेस्ट, उत्तरी दिल्ली का अलीपुर सिटी फॉरेस्ट, पूर्वी दिल्ली का गढ़ी मांडू सिटी फॉरेस्ट और दक्षिण दिल्ली का जौनापुर सिटी फॉरेस्ट शामिल है. ये चारों सिटी फॉरेस्ट दिल्ली के लगभग 286 एकड़ में फैले हुए हैं. इस परियोजना के तहत मित्राऊ सिटी फॉरेस्ट के पॉकेट ए और बी को 98 एकड़, अलीपुर सिटी फॉरेस्ट को 48 एकड़, गढ़ी मांडु सिटी फॉरेस्ट को 42 एकड़ और जौनापुर सिटी फॉरेस्ट को 98 एकड़ में विकसित किया जाएगा.

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पर्यावरण के अनुकूल होगा सिटी फॉरेस्ट का विकास- गोपाल राय

मंत्री गोपाल राय ने बताया कि अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा उठाए गए तमाम उपायों के परिणामस्वरूप दिल्ली के अंदर हरित क्षेत्र (ग्रीन कवर) में काफी इजाफा देखा गया है. दिल्ली में जहां साल 2013 में हरित क्षेत्र 20 फीसदी था, साल 2021 में वह बढ़कर 23.06 फीसदी हो गया है, साथ ही शहरों के प्रति व्यक्ति फॉरेस्ट कवर के मामले में दिल्ली पूरे देश में नंबर वन हो गया है. सरकार सिटी फॉरेस्ट को वर्ल्ड क्लास बनाने के लिए सबसे पहले एक डिजाइन आइडिया कॉम्पीटिशन कराएगी. इसके लिए विभाग द्वारा एक स्टेयरिंग कमेटी का गठन किया जा रहा है, जिसके मार्गदर्शन में यह कार्य होगा. इस परियोजना की मुख्य थीम है ‘प्रकृति के पास, परिवार के साथ’, जिसके अनुसार दिल्ली सरकार सभी लोगों को प्रकृति के साथ जोड़ने की कोशिश कर रही है. पर्यावरण मंत्री ने सिटी फॉरेस्ट को विकसित करने के मुख्य उद्देश्य के बारे में कहा कि हमारी सरकार दिल्ली के लोगों को ऐसी जगह देना चाहती है, जहां लोग प्रकृति का आनंद ले सकें और साथ ही आने वाली पीढ़ी को भी प्रकृति के बारे में जागरूक कर सकें.

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