नई दिल्ली। केजरीवाल सरकार ने ठंड के मौसम में विभिन्न वजहों से बढ़ने वाले प्रदूषण से दिल्ली की जनता को बचाने के लिए अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने विंटर एक्शन प्लान को लेकर आज गुरुवार को पर्यावरण विभाग, डीपीसीसी, विकास विभाग और वन विभाग के साथ उच्च स्तरीय बैठक की. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के खिलाफ जन सहयोग से सक्रिय अभियान चलाने के लिए विंटर एक्शन प्लान की तैयारी शुरू कर दी है.

14 सितंबर को सभी संबंधित विभागों के साथ बैठक
उन्होंने कहा कि हमारा विंटर एक्शन प्लान, पराली व कूड़ा जलाने, वाहन और धूल प्रदूषण, हॉटस्पॉट, स्मॉग टावर, पड़ोसी राज्यों से संवाद, वाररूम एवं ग्रीन एप को उन्नत बनाने और केंद्र सरकार व केंद्रीय कमीशन से संपर्क जैसे 10 फोकस बिंदुओं पर आधारित बनाया जाएगा. पर्यावरण मंत्री ने कहा कि 14 सितंबर को सभी संबंधित विभागों के साथ समीक्षा बैठक कर निर्धारित फोकस बिंदुओं पर सुझाव लेंगे और 30 सितंबर तक विंटर एक्शन प्लान को तैयार कर लिया जाएगा. इसके बाद दिल्ली सरकार प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई अभियानों की शुरुआत करेगी.

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गोपाल राय ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विंटर एक्शन प्लान तैयार करने को लेकर लिए गए कुछ प्रमुख निणर्यों के संबंध में जानकारी दी. गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के अंदर प्रदूषण के खिलाफ जनसहयोग से सक्रिय अभियान चलाने के लिए दिल्ली सरकार ने विंटर एक्शन प्लान की तैयारी शुरू कर दी है. उन्होंने कहा कि हमने इस संबंध में पहली बैठक पर्यावरण विभाग, डीपीसीसी, विकास विभाग और वन विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ की है. इस बैठक में मुख्य तौर पर हम लोगों ने इस बात पर चर्चा की है कि विंटर एक्शन प्लान में फोकस बिंदु क्या-क्या होने चाहिए, जिस पर सरकार आगामी दिनों में प्रमुखता के साथ काम करेगी. बैठक में कई महत्वपूर्ण सुझाव आए और हमने उन सुझावों के आधार पर 10 सूत्रीय फोकस बिंदु चिन्हित किए हैं, जिसके आधार पर विंटर एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा.

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10 बिंदुओं पर किया जाएगा फोकस

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि 10 फोकस बिंदुओं में पहला पराली की समस्या है. आगामी दिनों में पराली जलाने की समस्या को केंद्र बिंदु बनाकर काम किया जाएगा. दूसरा, वाहनों से होने वाले प्रदूषण को केंद्रित करते हुए काम किया जाएगा. तीसरा धूल का प्रदूषण है. चौथा फोकस बिंदु जगह-जगह जलाया जाने वाला कूड़ा है. जाड़े के समय में हर इलाके में जगह-जगह कूड़े जलाए जाते हैं. पांचवां बिंदु हॉटस्पॉट है. दिल्ली के जिन इलाकों में सबसे ज्यादा लोगों को प्रदूषण का शिकार होना पड़ता है. छठवां बिंदु स्मॉग टावर है. दिल्ली के अंदर स्मॉग टॉवर बनकर तैयार हो चुके हैं. यह हमारे अध्ययन का मुख्य बिंदु रहेगा. इसके लिए हम विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाने जा रहे हैं, जिसके आधार पर हम आगे स्मॉग टावर को अन्य जगहों पर लगा सकें.

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पराली की समस्या बहुत बड़ी

उन्होंने कहा कि हमारा सातवां फोकस बिंदु पड़ोसी राज्य होंगे. हम अपने पड़ोसी राज्यों के साथ संवाद स्थापित करेंगे, ताकि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक संयुक्त कार्य किया जा सके, क्योंकि दिल्ली की जो प्रदूषण की समस्या है, वह केवल दिल्ली की समस्या नहीं है. गोपाल राय ने कहा कि राज्य सरकार ने जितने भी विशेषज्ञों से बात की है, उन सभी का कहना है कि यह एयरसेट का मसला है. राज्यों का जो प्रशासनिक विभाजन है, उसको प्रदूषण नहीं मानता है.

दिल्ली के अंदर होता है पर्यावरण से छेड़छाड़ का असर
मंत्री गोपाल राय ने कहा कि उत्तर भारत का एयरसेट इसे प्रभावित करता है. अगर गाजियाबाद के पर्यावरण के अंदर कोई भी छेड़छाड़ होती है, उसका प्रभाव दिल्ली के अंदर भी होता है. इसी तरह हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के अंदर कुछ भी होता है, तो उसका प्रभाव दिल्ली के अंदर भी पड़ता है. उन्होंने कहा कि हम अधिकारियों की एक टीम बनाएंगे, ताकि हम प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए जितना काम कर सकते हैं, वो कर सकें. हमारा आठवां फोकस बिंदु वाररूम को और उन्नत बनाना है. हमने पिछले साल वाररूम शुरू किया था, जिसकी मदद से हम दिल्ली की तमाम एजेंसियों को आपस में एकीकृत कर पा रहे थे और त्वरित कार्रवाई कर पा रहे थे.

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पिछले साल केजरीवाल सरकार ने किया था ग्रीन एप पर काम

पर्यावरण मंत्री ने कहा कि हमारा नौवां बिंदु ग्रीन एप को अपडेट करना है. उन्होंने कहा कि आप सरकार ने पिछले साल ग्रीन एप पर काम किया. उसमें कई तरह के सुझाव आए हैं, इसलिए हमने इसे और अपग्रेड करने का फैसला लिया है, ताकि हम और बेहतर तरीके से लोगों के साथ संवाद कर पाएं और उनकी शिकायतें आ पाएं. वहीं, हमारा दसवां फोकस बिंदु केंद्र सरकार और केंद्रीय कमीशन से संपर्क करना है. राज्यों के साथ हम संवाद तो कर सकते हैं, लेकिन केंद्र सरकार और केंद्रीय कमीशन उसकी निगरानी करने के साथ उसे लागू भी करवा सकता है. हम हमेशा केंद्र सरकार और केंद्रीय कमीशन के संपर्क में रहेंगे. हम चाहेंगे कि उनके माध्यम से भी पड़ोसी राज्यों के साथ जो संयुक्त गतिविधियां बन सकती हैं, उन पर काम हो. यह हमारे विंटर एक्शन प्लान के 10 फोकस बिंदु हैं, जिसके इर्द-गिर्द हम अपने आगे के प्लान को विकसित करेंगे.

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प्रदूषण को कम करने के लिए कई एजेंसियां कार्यरत

उन्होंने कहा कि दिल्ली के अंदर प्रदूषण को कम करने के लिए कई एजेंसियां काम करती हैं, जिनकी अलग-अलग भूमिका होती है. हमने निर्णय लिया है कि 14 सितंबर को दिल्ली सचिवालय में सभी संबंधित विभागों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे. इस बैठक में यह देखेंगे कि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पिछले साल किन विभागों ने क्या किया? ग्रीन एप पर जितनी शिकायतें आईं, उन शिकायतों के समाधान के लिए किन-किन विभागों ने तत्परता के साथ काम किया. पिछले ठंड के मौसम में और उसके बाद की जो भी गातिविधियां हैं, उन सबकी समीक्षा करेंगे, साथ ही भविष्य के प्लान पर उन सभी संबंधित विभागों से सुझाव लेंगे.

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30 सितंबर तक विंटर एक्शन प्लान को बनाकर तैयार करने का लक्ष्य
14 सितंबर को होने वाली समीक्षा बैठक में तीनों एमसीडी, एनडीएमसी, डीडीए, पीडब्ल्यूडी, ट्रैफिक पुलिस, ट्रांसपोर्ट विभाग, जल बोर्ड, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग, डीएसआईडीसी, सीपीडब्ल्यूडी और एनएचएआई शामिल होंगे. इन सभी विभागों से विंटर एक्शन प्लान को लेकर सुझाव लिए जाएंगे. उसके आधार पर हम लोग विंटर एक्शन प्लान को अंतिम रूप देंगे. हमने 30 सितंबर तक विंटर एक्शन प्लान को बनाकर तैयार करने का लक्ष्य रखा है. इस प्लान के आधार पर सरकार अपने अभियान को शुरू करेगी.