केंद्रपाड़ा, केंद्रपड़ा की प्रसिद्ध मिठाई ‘रसाबली’ के लिए भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग का लंबा इंतजार आखिरकार मंगलवार को खत्म हो गया है. ओडिशा के लिए यह बहुत गर्व की बात है कि क्षेत्र की लोकप्रिय मिठाई ‘केंद्रपड़ा रसबाली’ को जीआई टैग मिला है. चेन्नई स्थित जियोग्राफिकल इंडिकेसन रजिस्ट्री ऑफ इंडिया ने इस मिठाई की विशेषताओं और मानकों का गहन परीक्षण के बाद ‘केंद्रपड़ा रसबली’ मिठाई को जीआई टैग से सम्मानित किया है.
इस खबर के बाद प्रदेश के लोगों में काफी उत्साह है, और खास कर केंद्रपाड़ा के लोगों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया है. केंद्रपाड़ा मिस्ठान्न रसाबली संघ ‘रसाबली’ के जीआई टैग के लिए काफी समय से लड़ रही थी.
छप्पन भोग का हिस्सा है ‘रसाबली’
मिठाई सदियों से उड़िया परंपरा का एक हिस्सा है. और यह खास मिठाई ‘रसाबली’ केंद्रपाड़ा की पहचान भी है. केंद्रापड़ा के हर गली नुक्कड में यह खास मिठाई प्रस्तुत किया जाता है. सिर्फ यही नहीं पुरी श्रीमंदिर में भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों को अर्पित की जाने वाली छप्पन भोग में से ‘रसाबली’ एक है. यह मिठाई केंद्रपाड़ा के पुज्य भगवान बालादेवज्यू मंदिर में भी चढ़ाई जाती है.
सबसे पहले 2021 में केंद्रपाड़ा मिस्ठान्न रसाबली संघ विशेष रूप से तैयार किए जाने वाले इस मिठाई के लिए जीआई टैग की मांग की थी. बाद में, राज्यसभा सांसद सुभाष सिंह के नेतृत्व में ओडिशा के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की और इस खास मिठाई के लिए जीआई टैग की मांग करते हुए एक ज्ञापन सौंपा था.