चंडीगढ़, पंजाब। पाकिस्तान की इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) ने कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद अराजकता पैदा करने की असफल कोशिश के बाद भारत में अशांति पैदा करने के लिए पंजाब में खालिस्तानी आतंकी समूह के स्लीपर्स सेल को सक्रिय करना और इसमें शामिल होना शुरू कर दिया है. ये स्लीपर सेल खालिस्तानी समूह के साहित्य को प्रसारित कर रहे हैं और हवाला चैनल के माध्यम से धन का प्रबंधन किया जा रहा है. खालिस्तानी सदस्यों की गतिविधियों पर नजर रखने वाले एक शीर्ष खुफिया अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान ने कनाडा, अमेरिका और ब्रिटेन में बसे खालिस्तानी सदस्यों को भी सक्रिय कर दिया है, ताकि पंजाब के युवाओं को राज्य में तबाही मचाने के लिए धन मुहैया कराया जा सके.
सूत्रों ने कहा कि वे खालिस्तानी आंदोलन को वित्तपोषित करने के लिए पंजाब में नशीले पदार्थों की बिक्री भी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि चूंकि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा ग्रिड कड़ी हो गई है और ISI घाटी में आतंकवादियों को खदेड़ने में विफल है, उन्होंने पंजाब में वापस ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया है और अंतर्राष्ट्रीय सीमा के माध्यम से ड्रग्स और हथियारों की तस्करी शुरू कर दी है. ग्रिड ने कहा कि पंजाब में खालिस्तान समर्थक तत्व हाइबरनेशन में नहीं थे, लेकिन एक कम महत्वपूर्ण मामले में सक्रिय थे और सीमावर्ती राज्य में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहे थे, जैसे कि स्लीपर सेल के माध्यम से ड्रग्स और हथियारों की तस्करी.
उन्होंने यह भी कहा कि हाल ही में पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर हमला पिछले साल 23 दिसंबर को लुधियाना की एक अदालत में विस्फोट जैसी हिंसा की घटनाओं में दो बड़ी घटनाएं थीं, जिन्हें खालिस्तानी उग्रवादियों द्वारा अंजाम दिया गया था. यह बताता है कि ये भारत विरोधी तत्व हैं. ये सीमावर्ती राज्य में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहे हैं. सुरक्षा ग्रिड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कश्मीर और पंजाब दोनों में आतंकवाद को पुनर्जीवित करना आईएसआई की के2 योजना (कश्मीर और खालिस्तान) का सबसे आवश्यक हिस्सा है, लेकिन सुरक्षा बलों द्वारा कश्मीर घाटी में निरंतर और समन्वित आतंकवाद विरोधी अभियानों के बाद आईएसआई अब पंजाब में सक्रिय है. सूत्रों ने आगे कहा कि पाकिस्तान में छिपे खालिस्तानी आतंकवादियों द्वारा ड्रोन का इस्तेमाल किए जाने के बाद से घटनाएं बढ़ रही हैं. पता चला है कि आईएसआई को चीन और तुर्की से भारी संख्या में ड्रोन मिले थे और उनमें से कुछ पाकिस्तान से सक्रिय खालिस्तानी नेताओं को हथियार और ड्रग्स के परिवहन के लिए दिए गए थे.
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उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक और सीमा सुरक्षा बल प्रकाश सिंह ने कहा कि स्थिति केंद्र सरकार को इन घटनाक्रमों पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए, क्योंकि खालिस्तानी आतंकवादी पंजाब में फिर से आतंकवाद फैलाना चाहते हैं. उन्होंने कहा, “अभी तक केंद्र और राज्य सरकारें अलग-अलग पन्नों में नजर आ रही हैं और अंतत: पंजाब की जनता को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.” हालांकि, खुफिया ब्यूरो के पूर्व विशेष निदेशक यशोवर्धन आजाद ने कहा कि सीमा पार बैठे अपराधी समय-समय पर खालिस्तान मुद्दे को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर हालिया हमले को ध्यान से देखा जाना चाहिए, क्योंकि आतंकवादी ने रॉकेट प्रोपेल्ड हथगोला का इस्तेमाल किया है.
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